Book Title: Ardhamagadhi kosha Part 1
Author(s): Ratnachandra Maharaj
Publisher: Motilal Banarasidas

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Page 515
________________ अविद्धत्थ ] (४३५) [अविभावणिज्ज अविद्धत्थ. त्रि. (प्रविध्वस्त) मा ७३ | मेरू ५. भाग शून्य; एक रूप. Having નાશ પામેલ નથી તે અચેત નહિ તે; સચેત. | _no parts; homogenious; whole. सचिस; सजीव. Sen tient; living; | ठा० ३, २; having life. निसी० १७, ३०; आया० | अविभाइय. त्रि० (अविभाज्य ) गुमे। 'अवि२, १, ७, ४१, २, १, ८, ४६; भज ' श६. देखो ‘अविभज' शब्द. Vide अविधूणित्ता. सं० १० अ० (अविधूय ) "अविभज." " तो अविभाइया पण्णत्ता, पर्या १२, ९२ विना. खदेड़े बिना; तंजहा-समए पएसे परमाणू" ठा० ३, २; बिना दूर किये. Without shaking off; अविभाग. पुं० ( अविभाग) विभाग अwithout removing. सूय० २, ४, १०; ला; अन्त२२डित५j. विभाग रहितता. भविप्पभोग. पुं० (अविप्रयोग) विप्रयोग Absence of division into parts. वियोगनी अभाव; २क्षण. वियोग का अभाव; भग० २०, ५; क० प० १, ५; (२) ना संरक्षण. Absence of separation; એકના બે ભાગ ન થાય તે નિર્વિભાજ્ય અંશ. protection. “सुक्खाणं अविप्पभोगेणं" जिसके दो भाग न हो सकें वह अंश. an ठा• ४, ४; भग० २५, ७, indivisible portion. क० ५० १, ३०; अविप्पकट्ठ. त्रि. (भविप्रकृष्ट ) 10; २ -उत्तरिय. त्रि० (-उत्तर ) २सना । नलिते. नज़दीक; समीप; पास. Near; in अंश उत्तरोत्तर वयतुं. रस के एक एक अंश the vicinity. नाया. १; से उत्तरोत्तर बढ़ता हुआ. progressively भविप्पगड. त्रि. (अविप्रकट ) २४ increasing in intensity. क. प. मुलुं नहि छुपुं. अप्रकट; छिपा हुआ. Not १, ३०;-पलिच्छेय. पुं० (-परिच्छेद-पopen; secret; hidden. भग०७, १०; रिच्छिद्यन्त इति परिच्छेदा अंशाः, ते च सविअविप्पमुक्क. पुं० ( भविप्रमुक्त ) नहि धुरेस; भागा भवन्त्यतो विशष्यन्ते, अविभागाश्च ते विशेष 3री न भुमेली. विशेषतया न परिच्छेदाश्चेत्यविभागपरिच्छेदाः ) ना छूटा हुआ.U n e m a n cip a te d; विभाग न पशि ते॥ अंश. ऐसा अंश not released. भग० (७, २; जिसका विभाग नहीं किया जा सके. भविभज्ज. त्रि० (अविभाज्य ) तो विभाग an indivisible part of a thing. नयईश से; व विनानु. अविभाज्य; भग०८, १० विभाग रहित; अवयव रहित. Not divi- | अविभाव. त्रि. ( अविभाज्य ) परामर ४२३॥ sible into parts. ठा० ३, २; तंडु० येोय नहि. पराभव न करने योग्य. Unअविभत्त. त्रि. (अविभक्त) विभाग नलि worthy of being overpowered, रेसमान पाउस. अविभाजित; जिसके defeated etc. परह० १, १; विभाग न किये गये हों वह. Undivided; अविभावणिज्ज. त्रि० ( अविभावनीय ) 24not divided into parts. प्रशंसनीय; मप्रशंसापात्र. अप्रशंसनीय. धेय० २, १८ Not praise-worthy; not comअविभाइम. त्रि. (अविभागिम-अविभागेन | mendable; blameworthy. सु० च० निर्वृतोऽविभागिमः) भाग-4; मालित; २, ३४६; Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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