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अवंग ]
(४०७)
[अवंदणिज्ज
अवंग. पुं० (अपाङ्ग) मांगना मु. प्रांख अवझा. स्त्री० (अवन्ध्या ) धितापियनी
का कोना. The corner of the eye. भुभ्य २०४धानी. गंधिलाविजय की मुख्य राय० ११२; जं०प० (२) त्रि. गनी भो राजधानी. The principal capital मापवाणी. शारिरक ऐब वाला. ( one ) city of Gandhilavijaya. जं. प. having a physical defect. | अवंतिसुकुमाल. पुं० ( अवन्तिसुकुमार ) जं.प.जीवा० ३,३;
ઉજજયની નગરી નિવાસી ભદ્રા સેઠાણને *भवंगुय. त्रि. (अपावृत) धाउँ भुसु मुटुं
પુત્ર, કે જેણે આચાર્ય પાસે દીક્ષા લઈ, તરત
સંથારો કર્યો; વનમાં એક સિયાલણીએ તેની भुखं. उघाड़ा रखा हुआ; बिना ढंका हुआ. Kept open; open. भग०२, ५; परह.
જધાનું માંસ ખાધું, તથાપિ તે સમાધિ २, ४, वेय० १, १४; राय० २२५; श्रोव० ४०;
પરિણામથી પતિત ન થતાં કાળધર્મ -दुवार. त्रि०(-द्वार) अधाभुटुं६।२-मा
पाभी सदति पाया. उज्जयिनी नगरी रीमा छ गनुं ते. जिसका द्वार या खिड़की
निवासी भद्रा सेठाणी का पुत्र, जिसने कि प्राखुली हुई हो वह. with door open;
चार्य से दीक्षा लेकर तुरत संथारा किया. वनमें with the gate open."अवंगुयदुवारा"
एक लोंबड़ी ने उसकी जंघा का मांस खाया तो भग० २,५;
भी वह समाधि से व्युत न हुआ और मरकर
सद्गति को प्राप्त हुआ. The son of Bhaअजणजाय.त्रि०(अग्यजनजात-
ज्यनाम्यु
drá the wife of a merchant of पस्थरोमाणि न जातानि यस्य स तथा) ने Ujjain. He took Dikṣā from हदी, भु२७ पोरे या नथा मे. जिसकी his preceptor and immediately डाढ़ी और मूंछ उगी न हो वह. (One )
performed Santhārā. The flesh
of his thigh was eaten by having beard, moustaches etc.
a she-jackal but he got not yet grown. वव० १०, २०; कप्प.
absolution as a result of ६, २०;
his Sannādhi, after his death. अझ. त्रि. (अवन्ध्य ) वंध्य नलि; स. संस्था
अर्या . जो वन्ध्य न हो; सफल कार्य- अवंतीगंगा. स्त्री. (अवन्तीगङ्गा) शालान कर्ता. Not barren; unfailing in / मतने अनुसार से विला. गोशाला doing work. सूय०२, १, २२; (२)स.
के मत के अनुसार एक कालविभाग. A सफल.fruitful; bearing fruitin due | division of time according to season. विशे० ११०३; (३) पुं० सा- the tenet of Gosala. भग० १५, १; शुभाशुभ मना विवेयनवाले। ११ भो पूर्व. अवंदंत. व. कृ. त्रि. (भवन्दमान )नान शुभाशुभ कर्म का विवेचन करने वाला ग्यारहवाँ | ४२ते. वन्दना न करता हुआ. Not salutपूर्व. the eleventh Purva | ing; not bowing to. प्रव० १२८; discussing knowledge etc. and | अवंदणिज्ज. त्रि. ( अवन्दनीय ) न so fruitful in result. सम० १४; नंदी. हवा योय; नमन ४२१। योय नहि. वन्दना ५६; प्रव. ७२३;
| करने योग्य नहीं. Unworthy of be
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