Book Title: Ardhamagadhi kosha Part 1
Author(s): Ratnachandra Maharaj
Publisher: Motilal Banarasidas

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Page 485
________________ अह्न ] " लुअ-य' श६. देखो “ अलोलुअ-य” शब्द. Vide 'अलोलुअ-य. ' उत्त० २,६१; *ल. त्रि० ( आई ) सीसुं; सग; लीनं गीला; सजल. भीगा हुआ. Wet; damp. “ अलं चम्मं दुरूहइ" नाया० १२; १८; निर० १, १; प्रव० २३८ – कचूर. पुं० ( - कचूर ) ये लतनी खाई वनस्पति; सीओ यूरे।. एक जाति की हरी वनस्पति; कचूर. a kind of green vegetation. प्रव० २३८ - चम्म. न० ( - चर्मन् ) खायुं याम. आई चर्म; गीला चमड़ा; wet leather. विवा० ३:- मुत्था. स्त्री० (- मुस्ता) नागरमोथ नागरमोथा. a kind of fragrant grass. प्रव० २४०; ( ४०५ ) अल्लई. स्त्री० ( लकी ) छलनी मे वनस्पति; दूधी. एक जाति की गुच्छ वनस्पति; दूधी. A kind of vegetation grow ing in bunches. राय ० ५४; पन्न ० १७; भग० २२, ४, — कुसुम न० ( - कुसुम ) धीनुं स. दूध का फूल a flower of भल्लई (g.v.). पन्न० १; राय ० ५४; * श्रल्लक न० ( आर्द्रक ) या अदरख . Ginger. जं० प० ● अलग. पुं० ( आर्द्रक) लुग्भो 'अल्लक' शुम्ह देखो 'अल्लक ' शब्द Vide अह्नक. प्रव० २३८; अलियावरण. त्रि० ( * श्रालायन - सन्धि ) मुलाय નહિ તેવે! સાંધા-એ દ્રવ્યના પરસ્પર મેળાપ. मालूम न हो ऐसा जोड़ दो वस्तुओं का पर-स्वर मेल. Union of two substances without the dividing line being visible. भग०८, ६- बंध. पुं० (-बन्ध ) मेड द्रव्यने जीज्न द्रव्यनी साधे ચાંટાડવું તે; સાંધે કળાય નહિ તેવી રીતેગુંદ वगेरेथा थोऽधुं ते, एक द्रव्य को दूसरे द्रव्य के Jain Education International For Private माथ चिपकाना; जोड़ न मालूम हो इस रीति से गोंद वगैरह से जोड़ना. joining two substances in such a way that the से किं ते joint is not visible. थलियावणबंधे ? अलियावणबंधे चउविहे पण्णत्ते, तंजहा- लेसणाबंधे उच्चयबंधे समुच्चयबंधे साहणणाबंधे" भग०८, ६; अलीश्र धा० I ( श्रा+ली ) आश्रय ४२वे. आश्रय करना. To resort to. ( २ ) त्रियोगोपवावी व ५२वी इन्द्रियों को वश करना. to restrain or control the senses. [ अल्ली .. Personal Use Only श्रलिए. वि० गच्छा० ४६; अल्लीयावे. णि० नाया० २; अलीयावेइत्ता. सं० कृ० नाया० २; अल्लीण. त्रि० ( घालीन ) गुहिने यात्रि रहे. गुरु आदि के आश्रित रहा हुआ. (One ) relying or depending upon a preceptor etc. नाया० १६; राय ० २८६; भग० १, ६; श्रोव ० १०९ ३८ अंत० ३, १ ( २ ) या समन्तात् सर्व नियामां श्रीन- गुप्त गंभीर येष्टा इनार सम्पूर्ण क्रियाओं में लीन गंभीर चेष्टा करने वाला seriously or solemnly performing all actions. जं० प० २, २०; (३) भन, वयन याने याथी शुप्त थमेल, मन, वचन और काया से गुप्त controlled in inind; speech and body. उत्त० २३, ६; भग• २, १२५, ७; नाया० १; कप्प० ४, ६१; अणुक्त०३, १; ( ४ ) उत्पन्न थमेस; वृद्धि पामेव उत्पन्न; वृद्धि को प्राप्त. born; developed. नाया० १६ ( ५ ) मनोहर; सुंद२. मनोहर; सुन्दर: खूबसूरत. charming; beautiful. नाया० १ ( न० शरीर. शरीर. body. नाया० १ ( 19 ) त्रि० निःसंग; www.jainelibrary.org

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