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( ३८७ )
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Devaloka. ठा० ६, १; (२)२२लिता produces distaste for ascetic भीति विनानी. राग रहित, बिना प्रीति का. practices; Arati Mohaniya unattached; free from attach
Karma, ठा० १, १; --परि-री-सह. ment, आया० १, ३, २, ११४;
पुं० (-परिषह ) साधुन। २२ परिषहमान। श्ररह. स्त्री० (अरति-न रतिः संयमविषया
मे, सरतिनामे परिवह. साधु के २२ धृतिररतिः) संयममा उग; शान, दर्शन,
परिषहों में से एक अरति नामक परिषह. ચારિત્ર, તપ અને વીર્ય એ પાંચ આચારમાં
one of the twenty-two બેચેની; મેહનીયના ઉદયથી થતો ઉદ્વેગરૂપ varieties of sufferings; a sufferयित्तविकार. संयम में उद्वेग; ज्ञान, दर्शन, .
ing known as Arati. उत्त० २, १४; चारित्र, तप और वीर्य इन पांचों प्राचारों | भग. ८,८;-मोहणिज्ज. न० (-मोह में बेचैनी; मोहनीय के उदय से होता हुश्रा | नीय) अति नामे मारनीयभनी । उद्वेगरूप चित्तविकार. Discomfort अति. अरति नामक मोहनीय कर्म की एक experienced in the practice of प्रकृति.a variety of Karma known selfrestraint; feeling of uneasi- as Arati Mohaniya. क. गं. १, ness in ascetic practices lead
२१;-रइ. स्त्री० (-रति ) अति २ति; ing to right knowledge ete.
धर्ममा अति भने पापभांति अरति रति; "अरइंश्राउटे से मेहावी" आया०१,२,२,७२;
धर्म में अरति और पाप में रति. dislike १,३,३,११७; जं० प०नाया०१; दस०८,२७;
for virtuous actions and inclinaसूग० २, १, २६; उत्त० १०, १७, ३२,
tion towards evil leeds"एगाअर१०२; प्रव० ४५७; क. प० २, १०३;
तिरती" ठा० १, १:-रइसह. त्रि० (-रतिभत्त० १०६; क. गं० २, ७, ५, ३१;
सह) पनि मने तिने सन १२ना२. अरति ठा० ६, १; (२) सावीस परिपतमाना
और रति का सहन करने वाला. one who मे: परिषद. २२ परिषहों में से एक परिषह.
can remain indifferent to the one of the twenty-two varieties
feelings of attachment or of sufferings. उत्त० २, १४; भग० ८,
dislike towards an object. ८; ( 3 ) / वियोग मनिष्ट संयोगथा।
श्राया० १, ३, १, १०८; थर्नु मानसि हु:५. इष्टवियोग या अनिष्ट |
अरंजर. पुं० (अरञ्जर ) सं०२ तरी प्रसिद्ध संयोग से होता हा मानसिक दुःख. mental distress caused by an unfavour
पाशीना बी. लंजर के नाम से प्रसिद्ध able event. भग. १, ६-कम्म . न.
__पानी का घड़ा. A pot of water known (-कर्मन्) ना यथा अपने संयम by the name of Laijara. ठा०४,४; વગેરેમાં અરતિ ઉત્પન્ન થાય તેવી એક નોક- | अरक्खुरी. स्त्री. ( श्ररक्षापुरी ) नियंद्रવાય મોહનીયની પ્રકૃતિ; અરતિ મેહનીય કર્મ. ધ્વજ રાજાની એક નગરી; સૂર્યની અશ્રમजिसके उदय से जीव को संयम आदि में अरति હિષી–સુર્યપ્રભાની પૂર્વભવની જન્મનગરી. उत्पन्न हो ऐसी एक नोकषाय मोहनीय की प्रकृति; जिनचन्द्र ध्वज राजा की एक नगरी; सूर्य की अरतिमोहनीय कर्म. a variety of Ka- अग्रनहिषो सूर्यप्रभा की जन्मपुरी. A town rina known as Nokaṣāya Mo- belonging to king Jinahanīya the maturing of which / chandra Dhvaja; a town in
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