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श्रममायमाण ]
(३७३)
२५ वें मुहूर्त का नाम name of the twenty-fifth Muhūrta of a day. जं० प० २, २५, ७, १५२; सू० प० 1°; ( ૪ )દેવકુર, ઉત્તરકુના જીગલિયા મનુષ્યની खेलत. देवकुरु, उत्तरकुरु के युगलिया मनुष्यों की एक जाति a species of the Jugaliyās of Devakuru, Uttarakuru. जीवा• ३, ४
श्रममायमाण. व० कृ० त्रि० (श्रममीकुर्वत्) भारु મારું ન કરતા; વસ્તુ ઉપર મમત્વ ન नराजतो. किसी भी वस्तु पर ममत्व न रखता हुआ; "यह वस्तु मेरी है, वह वस्तु मेरी है" इत्यादि न कहता हुआ. Not saying" mine, mine, not attached to any thing.
आया० १, २, ५, ६८
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श्रमम्मणा स्त्रो० (अमन्मना ) अस्मनि स्पष्ट वाली मां अयाय नहि उया न भायभम्भम याय ना तेत्री वाणी. अस्खलित-स्पष्ट दाणी: धाराप्रवाह वाणी; जिसमें अटके नहीं ऐसी वाणी. Uninterrupted clear speech; distinct, unstammering speech. ओ० ३४;
श्रमय त्रि० ( श्रमत ) लुम अमत' शब्द. देखो' अमत शब्द Vide पिं० नि० १६४;
' श्रमत.
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श्रमय न० ( अमृत ) लुग्म 'श्रमत' शब्द. देखो' मत ' शब्द. Vide " श्रमत. उत्त० १७, २१; नायः० १; राय ० ६२; भत्त० १६७; पंचा० ३, १२३ – कलस. पुं० ( - कलश ) अमृते लयें घडो. अमृत से भरा हुआ घड़ा a pot full of nectar. नाया ० है; - फल. न० (-फल) अमृतोपम इस व्यतिस्वादिष्ट इस अमृत के समान फल; अतिशय स्वादिष्ट फल a nectar like fruit a very delicious fruit.
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[ अमर
नाया ह; - मेह. पुं० (मेघ) भरत महि ક્ષેત્રમાં ઉત્સર્પિણીને બીજો આરા બેસતાં સાત દિવસ સુધી ચેાથે વરસાદ વરસે તેનું नाभ. भरत आदि क्षेत्रों में उत्सर्पिणी के दूसरे आरे का दूसरे कालविशेष का प्रवेश होते ही सात दिनों तक जो चोथी वर्षा हो उसका नाम. the fourth shower of rain lasting seven days at the commencement of the second aeon of in Utsarpiņi Bhratakṣetra etc. जं० प० २, ३८; - रस. पुं० (रस) अमृतरस. अमृतरस. nectar. पंचा० १६, १०; - रसायण. न० (- रसायन - अमृतमिव रसायनं जराव्याधिहरौषधममृतरसायनम् ) उपभृतरूप रसायणुःखितारी. अमृतरूप रसायन हितकर an elixir prolonging youth and life like nectar; anything wholesome. गच्छा० ४५; - वल्ली. स्त्री० (वल्ली) अमरवेश. अमरवेल; एक लताविशेष. a kind of creeper. प्रव० २४०; - वास. पुं० (- वर्षा ) तीर्थना जन्म आदि प्रसंगे देवता वृष्टि अरे ते. तीर्थंकर के जन्मादि के समय देवगण जो वृष्टि करते हैं वह. a shower of rain sent by gods at the time of the birth of a Tirthankara. श्राया० २, १५, १७६; श्रमयघोस पुं० ( अमृतघोष ) કાકુંદી નગરીનેા એક પ્રાચીન રાજા, કે જે સંજમ
पर यह पायो हतो. काळंदी नगरी का एक प्राचीन राजा, जो कि संयम लेकर परम पद - मोक्ष को प्राप्त हुआ. Name of an ancient king of a city named Kakandi who became a monk and attained to Moksa. संत्था ० ७५;
अमर. पुं० ( अमर ) देवता; हेव देवता; देव. God. क० गं० १, १८ प्रव० १३३२;
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