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a narrow space. भग० १, 9; -- परिग्गह. त्रि० (- परिग्रह ) धन धान्याहि थोडा परिग्रहवा. धनधान्यादि थोड़े परिग्रह वाला having limited worldly possessions. ओव ० - परिचाय. पुं० ( - परित्याग ) थोडा त्याग. थोड़ा त्याग; अल्प त्याग. slight abstention. पंचा० १८, ३२; - पाण. त्रि० (-प्राणश्रल्पा असन्तः प्राणाः प्राणिनो यत्र तत्तथा) आणिरहित; क्या अर्ध पशु आएगी-नंतु नथी तेवा उपाश्रय वगेरे. प्राणी रहित स्थान; जहां कोई भी प्राणी-जीवजन्तु नहीं ऐसा उपश्रय वगैरह. free from living beings e. g. a monastery or a monk's abode. आया० १, ६, ८, ७ वेय० ४, २६६ - पाणासि त्रि० (- पानाशिन् - अल्पं . पानमशितुं शीलमस्यासावर पानाशी ) थेोडु પેય દ્રવ્ય પીનાર; પાણી વગેરેનું થે પાન अनार पेय पदार्थ को थोड़ा पीने वाला; पानी वगैरह को अल्प प्रमाण में पीने वाला. (one) taking a limited quantity of fluid substances like water etc. सू० १, ८, २५ - पिंडासि. त्रि० (- पिण्डाशिन् - अल्पं पिण्डमशितुं शीलमस्पेति ) थोडा आहारनो हरनार, मिताहारी; अस्पाहारी अस प्रमाण में आहार करने वाला; मिताहारी. ( one ) taking a limited quantity of food; moderate in food. प्पपिंडासिपाणासि, अप्पं भासेज सुब्वए " सू० १, ८, २५; -- पुराण. त्रि० (-पुण्य ) पुण्यहीन; पायी; मनार्थ. पुण्य हीन; पापी; पुण्य रहित; अनार्य. sinful; devoid of religious morit. आया० १, ६, १, ८ – बहु. त्रि ० (- बहु ) व थोडुं ध; थोडुं . न्यूनाधिक; थोड़ा बहुत more or less.
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जीवा० २; जं० प० ७, १६२; - बहुग. श्रि० ( बहुक) उरता जीन्भुं मधुं वा वधारेथोडुं वा धणुं एक की अपेक्षा दूसरा कम या ज्यादहः कम ज्यादह more or less. क० प० १, ५; भम० ७, २; बीय. त्रि० (- बीज - अल्पमसद् बीजं यत्र तत्तथा ) for રહિત; જ્યાં ધાન્ય વગેરે બી વિદ્યમાનનથીતે स्थ वगेरे. बीज रहित; जहां धान्य आदि के बीज मौजूद नहीं हों वह स्थान आदि. barren of seeds. वेय • ४ २६ - भक्ति. त्रि० (- भक्षिन् - श्रल्पं भक्षितुं शीलमस्येति ) सहयादारी; मिताहारी अल्पाहारी; कम आहार करने वाला moderate in food; taking a modicum of food. " अकसाई बहुअप्पभरखी उत्त १५ १६;—भार. त्रि० (-भार ) भेनुं भूल्य ध છતાં ભાર થાડા હોય તે; ચેડા વજનવાળું. जिसका मूल्य बहुत होने पर भी वजन कम हो वह थोड़े वज़न वाला small in weight. भग० २ १ - भाव. पुं० (- भाव ) प लाव - सागली. अल्प भाव. slender or feeble feeling. पंचा• ६, १६:-भासि. त्रि० (-भाषिन् ) भितलापी; विश्या माहिथी रहित मितभाषी; विकथा आदि न करने वाला; अल्प प्रमाण में बोलने वाला given to speak little; not prolix. “ श्रतिंतिणे श्रचवले, अप्पभासी मियासणे " दस० ८ २६; भूय. त्रि० (- भूत) सत्त्व-प्राशीरहित સ્થળ वगेरे. प्राणी रहित स्थान आदि. ( a place etc. ) free from living beings. ठा०५, १ – मइ. त्रि० (-मति ) थोडी मुद्धिवाना. थोड़ी बुद्धि वाला. of slender intellect. क० प० ७, ५६ - महग्घ. त्रि० (- महार्घ ) भेने। लार - वन्न थोडं मने हिम्मत धणी होय तेयुं. जिसका वज़न थोड़ा
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