Book Title: Ardhamagadhi kosha Part 1
Author(s): Ratnachandra Maharaj
Publisher: Motilal Banarasidas

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Page 410
________________ अप्फो-या ] ( ३३० ) अप्फोश्रा या. स्त्री० स्फोता ) से नामनी वेद्य-सता; वनस्पतिविशेष. इस नाम की एक वनस्पति; एक जाति की लता. Name of a creeper; a variety of vegetation. पन्न - १; जीवा० ३, ४; जं० प० V फोड. धा० II. ( श्रा + स्फुट् - स्फाल् ) થાપડવું; થાપાટા મારવા; ચપેટા મારવા. थपकी देना; थपड़ी मारना. To pat; to stroke gently with the hand. अन्फोटेइ-ति. भग० ३, २ अंत० ४, १; अप्फोडेंति. राय० १८२; जीवा० ३, ४; जं० प०५, १२१; woफोडेइत्ता. सं० कृ० भग० ३, २; अष्फोडत, व० कृ० माया० उवा० २, ६५ अम्फोडि न० ( आस्फोटित ) हाथना थायो टायपेटा हाथ की थपकी Patting. जं० प० ७, १६६; ( २ ) पछाउनु पछाड़ना. causing to dash against; flinging against. कप्प० ३, ३५; za. g• (*sema) q8,YO, YEH, AAL વગેરેથી વ્યાપ્ત પ્રદેશ; ગીચ ઝાડીવાળેા પ્રદેશ. वृक्ष, गुच्छ, लता आदि से व्याप्त प्रदेश; झाड़ी | से भरा हुआ प्रदेश. A region covered with thickets of trees; a woody region. उत्त० १८, ५ मंडव. पुं० ( - मण्डप ) नागवेक्ष, द्राम याहि घट्ट सतामोथी विटास मंडप-भांडवो नागवेल, दाख आदि की सघन लताओं से घिरा हुआ मंडप. a bower densely covered with " अष्फोवमंडवम्मि, झायड् creepers. झवियासवे " उत्त० १८, ५. राय० ३७७; अफल. त्रि० ( अफल ) ३४ वगरनं; निष्णूल फल रहित, निष्फल. Fruit-less; unsuccessful. दसा० ६, ४, अफास. त्रि० ( अस्पर्श न विद्यते स्पशष्टविधो यत्र तत्तथा ) स्पर्शरडित स्पर्श Jain Education International For Private [ अफुल माणगा विनानुं स्पर्श रहित. Untouched; without a touch. भग० २, ५; १०; ११, १; अफासाइज्ज माण. व० कृ० त्रि० ( अस्पृश्यमान) स्पर्शतो. स्पर्श न कराता हुआ. Being untouched भग० १, १; अफासुयश्र त्रि० ( अप्रासुक - न प्रगता श्रसवोsसुमन्तो यस्मात्तदप्राकम् ) सव सभित्तः प्रसु-यमित नहि. सजीव; सचित; साधु के न लेने योग्य. Containing living beings; unworthy of being received by a Sadhu. आया० २, १, १, १ दस० ८, २३ भग० · ५, ६, ८, ६; नाया० ५; -- पडिसेवि त्रि० ( - प्रतिसेविन् श्रप्रासुकं सचितं प्रतिसेवितुं शीलमस्येति तथा ) सत्ति वस्तुना भोगवनार सचित्त वस्तु का उपभोग करने वाला. using or enjoying things containing sentient beings. ग्रफायपडिसेवी य, शामं भुज्जो य सीलवादी य सू० नि० १, ७, ८६; अफुडिय. त्रि० ( प्रस्फुटित ) सर्व विशेधनारहित. सर्व प्रकार की विराधना रहित. Not injuring in any way. " प्रखंडफुडिया काव्वा तं सुणेह जहातहा ६, ६; प्रो० १०; नाया० ७; aga. • ( wqra ) zuzi szala 24योग्य. स्पर्श करने के अयोग्य Untouchable. " फुर्स दुक्खं " ठा० ३,२; भग० १, १०, अफ़ुसमाणगइ. पुं० (* भ्रस्ट रागति - श्रस्पृशन्त सिद्ध्यन्तराणप्रदेशान् गतिर्यस्य स तथा ) અંતરાલના આકારાપ્રદેશને સ્પર્ષ્યા વિના ઉર્ધ્વગતિ કરનાર જીવ; સિદ્ધ ભગવાન્ अंतराल के आकाशप्रदेशों का स्पर्श किये बिना ऊर्ध्व गति करने वाला जीव; सिद्ध भगवान्. 39 दस ० Personal Use Only www.jainelibrary.org

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