Book Title: Ardhamagadhi kosha Part 1
Author(s): Ratnachandra Maharaj
Publisher: Motilal Banarasidas

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Page 412
________________ अबज्झा ] ( ३३२) [ अबहुस्सुय-श्र (i. e. maturity); e.g. Samakita अनुसार चलने वाला; मन को इधर उधर न Mohaniya, Misra Mohaniya भटकाने वाला. ( One ) not allowing etc. क. प. २, ८०; the inind to wander outside the अबझा. स्त्री० (अबध्या ) नुआ" अबज्म- teachings of the omniscient. माणी' श६. देखो 'अबज्ममाणी' शब्द. आया. १, ५, ६, १६७ Vide 'अबज्झमाणी.' क. प० २, ६६; | अबहिल्लेस्स. त्रि. ( अबहिर्लेश्य-नास्ति अबज्मा. स्त्री० (अबाध्या) गंधिलाविन्यनी । संयमावहिर्लेश्या मनोवृत्तिर्यस्यासौ तथा ) भुस्य २०४धानी. गंधिलाविजय की मुख्य સંયમમાં મનવૃત્તિ રાખનાર; નિરંતર આત્મराजधानी. The capital city of संयममा २भी रहेस. संयम में मनोवृत्ति Gandhilavijaya.' दो अवज्भाश्रो । रखने वाला; निरन्तर-सदा आत्मसंयम में रत. ठा. २, ३, (२) अयोध्या नगरी. अयोध्या (One) absorbed in self-restraint. पुरी. the city of Ayodhya. जं. ५० आया० १, ५, ६, १६५; भग० २, १; अबद्ध. न. (अबद्ध ) प क्षित ग्रंथ. अबहुवाइ. त्रि० ( अबहुवादिन्-न बहु वदितुं पद्यबंध से रहित ग्रंथ. A non-metrical शीलमस्येति ) पाई मोसो नदि पारे । work. विशे० ३३५५; सना२ नाहि. ज़्यादह न बोलने वाला. Not अबद्धिय. पुं० (प्रबद्धिक-जीवेन कर्म स्पष्ट prolix; not flippant. अाया० १, ६, मेन मतु बद्धं तन्मतमेषामस्तीत्यबद्धिका.) २, १०; १०५ अने भनी तो नथी ५॥ २पर्श | अबहुवादि. त्रि. ( अबहुवादिन् ) 01 થાય છે' એમ માનનાર એક નિન્હવ; ગેછા- 'अबहुवाइ' ०.६. देखो 'श्रबहुवाइ' शब्द. माल्सिना अनुयायी. 'जीव और कर्म का बंध Vide — अबहुवाइ.' आया० १, १, २, १०; नहीं होता किन्तु स्पर्श होता है। ऐसा मानने अवहुसंपन्न. त्रि. ( बहुसम्पन्न-न बहुभ्यः वाला एक निन्हव; गोष्टामाहिल का अनुयायी. सम्पन्न दर्शितं यतत्तथा) ने शविस One believing that Karma नहि ते. बहुतसों को न दिखाया हुआ. Not touches but does not bind the shown to or exposed to the view soul; a follower of Gosthit- of my persons. कप्प० ६, २५; mahila. ठा० ७; श्रोव० ४१; विशे० २३००; । श्रबहुस्सुय-श्र. पुं० ( अवहुश्रुत-बहुश्रुतं श्रबल. त्रि. ( अबल-नास्ति बलं येषां ते । यस्य स बहुश्रुतः, न बहुश्रुतोऽबहुश्रुतः) । तथा ) १२हित; ; अशत; स- આચારપ્રક૯૫ નામે નિશીથના અધ્યયનનો भर्थ. निर्वल; दुर्बल; शक्ति रहित. Feeble; અભ્યાસ નથી કર્યો અને નીચેનાં સૂત્રો powerless. विवा० १, ३; उत्त० ४, ६; सालय! नया ते; मशात्रवेत्ता नलि. जिसने १०, ३३; भग० १, ३, ७, ६; नाया० १; श्राचारप्रकल्प नामक निशीथ का अध्ययन ८; १३; १६; नहीं किया और नीचे के सूत्र नहीं सुने बह; अबहिम्मण. त्रि. ( अबहिर्मनस्-न विद्यते बहुत शास्त्र न आनने वाला. Not proबहिर्मनो ) સર્વજ્ઞ પ્રભુના found in the study of scriptures. Bहेश अनुसारे वर्तना२, भनने या त्या 'अविणीए अबहुस्सुए' उन० ११, २; सम० M2 14ना२ नलि. सर्वज्ञ प्रभु के उपदेश के ३०; दसा. ६, २२; Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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