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अपूह ]
( ३१२ )
अबूरा; अपूर्ण. Imperfect; incomp- पोरुसिय. त्रि०
lete. पिं० नि० २१६;
पूह. पुं० ( पोह) अवाय; निश्रय; विशिष्टज्ञान. निश्चय; विशेषप्रकार का ज्ञान Definite, determina te knowledge; certainty. नाया ० १ ८;
अपेच्चमाण. व० कृ० त्रि० (श्रपेत्यमानश्रनाक्रमत् ) २४भलु न उरतो; अधना ५२ | उसे न उरतो. आक्रमण न करता हुआ. Not attacking; not assailing. भग० ८, ७, १८, ८
पेज्ज. त्रि० (अपेय ) पीचा योग्य नहि; महिरा वगेरे पेयपदार्थ न पीने योग्य; मदिरा आदि पेयवस्तु Not drink-worthy; e.g. wine etc. जीवा० ३, ४; अपोग्गल. पुं० ( अपुगल न विद्यन्ते पुद्गलाः कर्मरूपा येषां ते तथा ) उर्मपुङ्गणरहित सिद्ध भगवान् कर्मपुद्गल रहित सिद्धभगवान्. One free from Karmic atoms; a liberated soul. ठा० २, १; पोरिसिय. त्रि० ( श्रपैौरुषिक - पुरुषः प्रमाण मस्येति पौरुषिकं तनिषेधादपौरुषिकम् ) પુરુષપ્રમાણથી અધિક ઉંધું; અગાધ જલ વગેરે. पुरुषप्रमाण से अधिक ऊंडा; अगाध जल वगैरह. Of a depth exceeding the height of a man ; ( water etc.) very deep. थाहमपोरिसियं पक्खिवेज्जा" नाया० ६; भग० १, ६; अपोरिसीय. त्रि० ( अपौरुषेय ) पुरुषप्रभाणुवाभथी वधारे ; अगाध पुरुषप्रमाण से अधिक ऊंडा-गहरा. Of a depth exceed - ing the height of a man; unfathomable. नाया० १४; (२) पुरुषना उस नहि अभानुषि. पुरुषद्वारा न कहा हुआ; अमानुषिक. ठा० १०;
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( ( अपौरुषिक ) लुखो 'अपोरिसिय' ७६. देखो 'अपोशिसय' शब्द. Vide 'पोरिसिय'. भग० ७, १;
अपोह. धा० I ( अप+जह् ) अलापोड उरी निश्रय २. ऊहापोह करके निश्चय करना. To settle after discussion. अपोहए. विशे० ५६१;
पोह. पुं० ( पोह ) । पछी थते। निश्चय; अवाय; भतिज्ञाननो त्रीले लेह. ईहा के बाद होने वाला निश्चय; अवाय; मतिज्ञान का तीसरा भेद. Judgment; ascertained knowledge; the third variety of Matijñāna. जं० प० नंदी ३६; विशे० ३६, ( २ ) विपक्षी युक्तिनो निरासત્યાગ કરવાને વિશેપ વિચાર કરવેા તે; તર્ક; विशिष्ट ज्ञान, बुद्धिना छ। गुगु विपक्ष की कुयुक्तियों का परिहार करने के लिये विशेष विचार करना; तर्क, विशिष्ट ज्ञान; बुद्धि का छठा गुण. minute logical reasoning to refute the objections raised by an opponent; the sixth merit of intellect. भग० ६, ३१; ( 3 ) पनि प्रा२. पडिलेहणप्रतिलेखन (वस्त्रों का निरीक्षण ) का एक प्रकार. a variety of Padilehana i. e. minute inspection of garments etc. ओघ० नि० ६२;
अप्प धा० II. ( अ ) अर्पा २ सेंभी हे; अर्पण करना; सोंप देना. To present; to give.
अप्पेइ. सु० च० ४, ८०; अप्पणामि नाया० १६;
अप्पेज्जा. वि० पंचा० ८, ७;
अप्पाविडं. सं० कृ० मु० च० ४, १२६;
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