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अपाणय.]
( ३०६)
[ अपायय
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अपाणय. त्रि० (अपानक) पाए विनानु. जल ऐसा कष्ट जिसका पार न हो. infinite
रहित. Having no water; water | misery. सम०६;-संसार. पुं०(-संसार) less. "छटेणं भत्तेणं अपाणएणं' जं. ५० नो पार नथी मेवा संसा२. पार रहित संसार; २; दशा० ५,८; (२) डनेशभावना पारी अनंत संसार. endless world; world જેવા શીતળ સ્થાળીપાનક આદિ પદાર્થ, કે ! without an end. नाया.
गोशालाने संमत ता. दाह को शमन | अपारंगम. नि. (अपारगम-पारस्तदः परकूवं करने वाले पानी के समान शीतल स्थाली | तद्गच्छत्तीति पारङ्गमः, न पारङ्गमोपारामः) पानक आदि पदार्थ, जो गोशाला के मत से | સંસાર સમુદ્રના પારને ન પામનાર. प्राह्य समझा जाता था. substances such संसार समुद्र के पार को न पाने वाला. Not as Sthālípănaka etc. which reaching the opposite shore were acceptable in the opinion of the worldly ocean. " अपारंof Goala. भग० १५, १; ( 3 ) भां गमा एए, ण य पारं गमित्तए" आया० १, पान०५-दूध, अवा, २५डी, पाणी वगेरेन । २, ३,८० त्याग ४२वामां आवे मेवा उपवास कोरे. | अपाव. त्रि० (अपाप ) ५१५२हित; सर्पया जिसमें पान करने के द्रव्यों-दूध, रबड़ी, पानी शु६. पाप से रहित; सर्वथा शुद्ध. आदि का त्याग किया जाय ऐसा उपवास
Without sin. भत्त० २३; दस०८, ६३; आदि. (a fast etc.) in which drinkables like milk eto, are
-~-भाव. त्रि० (-भाष ) सन्धि माहिती abstained from. प्रव० ५१०; कप्प. અપેક્ષા વિનાનું અપાપ-શુદ્ધ-નિર્મલ જેનું ચિત્ત ७, २११, ठा०६. पचा० १८, १४;
छ ते; निर्भस भावसहित. लब्धि वगैरह की अपादाण. न० (अपादान ) Bहान ४२४
अपेक्षा से रहित शुद्ध-निर्मल चित्त वाला; निर्मल भ-सानु सुवर्ण, पार्नु भाटी. उपादान भाव सहित. having the heart कारण; जैसे कुण्डल का उपादान कारण सुवर्ण unsullied by any sin, e.g. the
और घट-उपादान कारण मिट्टी. Material desire of supernatural attaincause e.g. earth of an earthen nment, भत्त० २३; दस० ८, ६३, pot. विशे० २११७;
अपावमाण. व० कृ० त्रि० (अप्राप्नुवत् ) न अपायछिएण. त्रि. (अपादछिन्न) ना ५ पामत!; प्रा न ४२ते. नहीं पाता हुआ; प्राप्त
छामेर नथा ते. जिसका पाँव छेदा हुश्रा न करता हुआ. Not getting; not नहीं है वह. One whose foot is not obtaining, श्रोध नि०१६ pierced whith thorn etc. निसी. अपावय. पुं. (अपापक ) शुभ तिवनरू५
प्रशस्त मनोविनय. शुभ चितवन करने अपार. त्रि. (अपार ) पार-तार विना ; रूप प्रशस्त ( प्रशंसा योग्य या उच्च ) मनो
જેનો છેડે નથી તે; અનન્ત; પાર વિનાનું विनय. Reverential attitude of अपार-पार रहित; अन्त रहित; अनन्त जिसका mind consisting in pure and किनारा न हो ऐसा. Infinite; endless. pious thoughts. सूय० १, १, ३, १३; नाया० ६ सम०६;-दुक्ख. न० (-दुःख) ठा० ७; (२) पाप विनानी वा यसका अनंत :4; पा२ विनानु अष्ट. असीम दुःखः ।। ५ वाणीविनय. पाप रहित पाणी बोलने
१४, ६
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