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अधि]
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[ अधिगरणिया
payment of debt or quarrels desire for spiritual knowledge arising in connection with it excited by the teaching of a are prohibited for a time. areto preceptor; a variety of. Samyak१; विवा० ३ (२) प्राण धारण ४२पाने । tva. प्रव० ६७०;-सम्मदंसण. न. અસમર્થ, જીવનયાત્રા-નિવહ ન થઈ શકે છે (-सम्यग्दर्शन ) गुरुन। पशि सभा तj. प्राण धारण करने में असमर्थ; जीवन | थयेस सभ्यर्शन-तत्वोध. गुरु के उपदेश से यात्रा-निर्वाह न कर सकने योग्य. incapable | उत्पन सम्यग्दर्शन-तत्वबोध. right of maintaining life. नाया० ८; १३; | beliefcaused by the sermon of a १६: भग० ७, ६;
preceptor. "अभिगमसम्मदंसणे दुविहे अधि. उप० (अधि) अधि:५८. अधिकता; पएणते, तंजहा-परिवाई चेव अपरिवाई
अधिकस्व.An indeclinable showing चेव" ठा० २, १; addition, excess ete. भग. १, १; अधिगय. न. (अधिकृत भावे क्तः) अधि:२. अधिकरण. न० ( प्रधिकरण ) स; ४००यो. __ अधिकार. Fitness by reason of
कलह, झगड़ा. Quarrel. दसा० ४,१०५; qualifications; authority; सम० २०; (२) मे२९ बार सोनीj governing influence. पंचा०६, ३६; मे ५४ार्नु साधन. लुहार अथवा सुनार का | अधिगय. त्रि. ( अधिगत ) तामा एक ओज़ार. anvil. भग० १६, १; (3) मावेस. जाना हुआ. Known; underकृषि आदि सामर्नु साधन-धीया२. कृषि | stood. पंचा० १, ३६;
आदि भारंभ के साधन. an implement | अधिगरण. न० (अधिकरण ) मे 'मधिof agriculture. “ जीवेणं भंते ! अधि- करण ' श६. देखो ' अधिकरण' शन्द. करणे किं प्रायप्पमोगणियात्तिए ? " ! Vide “ अधिकरण ". भग० १६, १; भग० १६, १;
-किरिया. बी. (-क्रिया) अधि४२९५Vअधिगम. धा• I. ( अधि+गम् ) ए. આરંભ, સમારંભના હથીયાર-તલવાર આદિ
जानना. To know ; to come to निभित्तथा सागती लिया- . अधिकरणknow.
प्रारंभ, समारंभ के मोजारों के निमित्त से होने अधिगम्मइ. क. वा. विशे० २२;
वाला कर्मबंध. Karma due to the अधिगम. पुं. (अधिगम) गुरुना अपहेश use of implements of injury, समाथा ये माध. गुरु का उपदेश सुनने killing etc; e.g. a sword otc. से जो बोध हुआ हो वह. Knowledge “ अहिगरणकिरिया पवत्तगा बहुविहं derived from the teaching of अनत्थं अवमई अप्पणो परस्स य करेंति" a preceptor. ठा. २, १;-रुड. पुं. पराह० १, २, बी० (-रुचि-अधिगमो विशिष्टं ज्ञानं तेन अधिगरणिया. स्त्री० (*प्राधिकरणिकारुचिः-तस्वाभिलाषा यस्याऽसौ तथा )। प्राधिकरणिकी-अधिक्रियते नरकादिष्वात्मा ગુરુને બધા સાંભળી થયેલ તત્ત્વજિજ્ઞાસા ! येन तदधिकरणं कलहः खड्गादिकं वा तत्रसममितता मे, २. गुरु के उपदेश से भवा तेन वा निवृत्ता प्राधिकरणिकी ) नेश उत्पन्न तस्वजिशासा; सम्यक्त्व का एक भेद. | सानिi सापन Sni :२वायी जाती
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