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अपडिलेहणा ]
( २६१ )
[ अपडिविरश्र-य
न करना; दृष्टि से नहीं देखना. Not exaniin- पुं० (-दुष्प्रतिलेखितशय्यासंस्तारक ) १५ing; not inspecting. श्राव. ४, ६; માં સુવાની પથારી ને પડિલેહવાથી અથવા अपडिलेहणा. स्त्री० (अप्रतिलेखना ) सांप સારી રીતે પડિલેહણ ન કરવાથી પિવામાં લાગ
न त. आँखों से नहीं देखना. Not | તો અતિચાર શ્રાવકના અગીયારમા વ્રતને examining; not inspecting. / प्रथम अतिया२. पोषध में सोने का बिछौनाकप्प. ६, ५३;-सील. त्रि. (-शील) विस्तरा अच्छी तरह पडिलेहण न करने से मेनेनेने यावानी 2५ नथी ते. जिसे जो दोष लगता है वह; श्रावक के ग्यारहवें व्रत देखकर चलने की आदत नहीं है वह. | का प्रथम अतिचार. partial violation used to walk without carefully of Poșadha vow accruing to inspecting. कप्प. १, ५३;
a layman through not examinअपडिलेहिय. त्रि. ( अप्रतिलेखित ) ७वनी ing or properly not examining
२क्षामाटे ३ नेमेस-पासे। नलि. his bel; the first partial जीव की रक्षा के लिये आँखों से नहीं देखा हुआ. violation of the eleventh vow Not examined with a view tol of u layan. उवा० १, ५.५.; the protection of lives. उवा० १,५५; अपडिलोमया. स्त्री० ( अप्रतिलोमता ) २५नु-----दुप्पडिलेहियउच्चारपासवणभूमि. । all. अनुकूलता. Favorableness; स्त्री० ( -दुष्प्रतिलेखितोच्चारप्रस्रवणभूमि- agreeableness. भग० २५, ७; अप्रत्युपेक्षिता जीवरक्षार्थ चतुषा न निरीक्षिता | अपडिवजवित्ता. सं . कृ. अ. (अप्रतिपथ) दुष्प्रत्युपेक्षिताऽसम्या निरीक्षिता पुरीषमूत्र
२ ४ नि. अंगीकार किये बिना. निमित्तं भूमिः स्थरिडलं ततः कर्मधारयः )| Without having accepted. पोपामा 4-11--12, सधु-नान-शा५ ५२- वव०६, २०; पानी भूमि नवायी अथ। सारी शतेन अपडिवाइ. त्रि० (अप्रतिपातिन् ) 24 डिया જેવાથી પાવામાં લાગતે અતિચાર, શ્રાવકના | सा-युंजय नलिते-क्षासमति, 4 अगाया२मा प्रतने त्रीले मतिया२. पोषध- ज्ञानकोरे. जो उत्पन्न होकर कभी नष्ट न व्रत में शौच, पेशाब करने की भूमि न देखकर हो ऐसा क्षायकसम्यक्त्व, केवलज्ञान आदि. उन क्रियाओं के करने से जो दोष लगता है Not passingaway; permanentवहः श्रावक के ग्यारहवें व्रत का तीसरा ly remaining 0. g. Kevala-- अतिचार. sin arising from cast- Jhana ete. ठा० २, १; (२) न० २१ ing away or laying down feces, જ્ઞાન ઉત્પન્ન થાય ત્યાં સુધી રહેવાવાળું અવધિurine etc. without examining शान. केवलज्ञान उत्पन्न होने तक रहने वाला or properly examining the अवधिज्ञान. Avadlhijināna. lasting ground, during the time of till omniscience is attained to. Poşadha vow of a layman; "से किं तं अपडिवाइ यं श्रोहिनाणं" नंदी. the third partial violation of the विशे० ७०३; eleventh vow of a layman. उवा० | अपडिविरअ-य. त्रि. ( अप्रतिविरत ) १, ५५;-दुप्पडिलेहियसिज्जासंथारय.। शुगी "अप्पडिविरय " श६. देखो “ अप्प
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