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अपच्यखाणि ]
(२८७)
[ अपच्छिम
म. ४, 1;--णिवत्तिय. त्रि० (-निर्वति- synonymous word for Adattaत ) अविरतिपरिणामयी नियन-ययेस. dina. परह. १, ३-कारग. त्रि. प्रविरतिपरिणाम से निष्पन्न-उत्पन्न. (-कारक) विश्वासघाता; सरोसे ना२. resulting from the absence of विश्वासघाती. comniitting breach the row of abstinenve. भग० ६, ४ . of trust. पण्ह० १, २; अपच्चखाषि. नि. (अप्रत्याख्यानिम्) ५२-५- अपच्छण्ण. त्रि. (भप्रच्छन) गुस नहि माशु-त्यागन २२; पिरतिलित. पचखा- ।
प्रगट; छातुं नहि. विना छिपा हुआ; प्रकट. पा-त्याग न करने वाला; विरति रहित.Devoid |
Manifest; not concealed. भग. of the vow of abstinence. भग०
१५, १; ६, ४, ७, २;
अपच्छाणुतावि. त्रि. ( अपश्चात्तापिन् )
અપરાધ આલેચીને પશ્ચાત્તાપ ન કરનાર; अपच्चक्लापिया. बी. (*अप्रत्याश्यामिका
ગુરૂની સમીપે દેવની આલોચના કરી રાજી की) ५५२या निमित सामती या
यना२. अपराध की आलोचना करके पश्चात्ताप न भग-५. अपच्चखाण के निमित्त से होने वाला
करने वाला; गुरु के समीप दोष की आलोचना कर्मबंध. Karma due to absence
करके संउट होने वाला. Not repenting of the vow of abstinenco. HTT*
aftor confession of faults to a
Guru; feeling delighted after अपच्चक्खाय. त्रि. (घायाख्यात ) मेरे
confongion of faults to a Guru. त्याग नथा याते; नतो. जिसका त्याग
भग २५,७ नहीं किया हो वह. Not given up; not
अपच्छायमाण. व० कृ० वि० (अप्रच्छादयत) renounced. भग० ८, ५; नाया० १६;
छुपायता; छातुं न रामतो. नहीं छुपाता सूय. २, ४,१;
हुआ. Not concealing. " अणिण्हवअपच्चभिजाणमाण. व. कृ० त्रि. (भप्रत्यभि- माया अपच्छायमाणा जहाभूयमवि
जानत्) 'माते नया ५२मा छ' ओभ - तहमसंविद्धं एयभट्ट माइक्खन " नामा० १; एता; तेने ते पे - ngal. 'यह वह
अपच्छिम. त्रि. (अपश्चिम-न विद्यते पश्चिमी नहीं है किन्तु दूसरा है' इस प्रकार जानता हुआ;
ऽस्मादित्यपश्चिमः) साथी २४५ नोना ५७। उसे उस रूप से न जानता हुआ. Not re
नया ते; अंतसमयनु; मा५२. सब से cognising; not able to identify.
माखिर का; अंतिम. Last; final. भग०६, " तत्तेणं सा दोवई देवी......पडिबुद्धा
३३, २०,५; सम. ७: ओव० ३४, नंदी. समाणी तं भवणं असोगवणियं च भ
स्थ०२; नाया० १;-मारणंतियसंलेहणा. पञ्चभिजाणमाणी" नाया. १६;
श्री. ( -मारयान्तिकसंलेखना-मरणमेअपचय. पुं.(अप्रत्यय) असत्यतुं नाम.
बान्तो मरणासः, तत्र भवा मारणान्तिकी, असत्य का एक नाम. Disbelief. परह० १, संलिख्यते कशीक्रियतेऽनपा शरीरकपाया२; (२) मताहानतुं सत्तर नाम. श्रदत्ता विकमिप्ति संसना सपोविशेपनपणा दान का सत्रहवाँ नाम. a variety of सतः कर्मधारयः ) भरणसभा-अंतरमते falsehood; the seventeenth કષાયને ઉપશમાવી દેહની મૂરછ ટાળી
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