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अणोवाहणय ]
( २२७ )
[ अएण
और भावरूप अर्थात् मायाकषायादिरूप उपधि _containing water. "एगं महं अगाभियं से रहित. Free from sources of अणोहियं छिनावायं दीहमद्धं" भग० १५,१; trouble such as wealth, passions | अण्ण. न. (अर्ण ) ; पाणी. पानी; जल. etc. पाया० १, ४, १, १२६
Water."अण्णवंसि महोहंसि" उत्त. ५,१७ प्रणोवाहणय. त्रि० (अनुपानस्क)।-५२मा | | अएण. न० ( अन्न ) लात मेरे धान्य; मना.
रखित. लेडान ना२. बिना जूते का; जूता न चांवल वगैरह धान्य; अन्न. Corn, like पहिनने वाला. Bare-footed. भग० १,६; rice ete. नाया. १४; सूय० १,४, २, ६; अणेसि. त्रि० (अनुषित) निवास नलि रेस; ! (२) मान; भोइ कोरे पा२।४. भोजन;
अव्यवस्थित निवास न किया हुआ; अव्यव- लड्डु आदि की खुराक. food e. g. स्थित. Not lodged; not settled. sweet balls etc. " अण्णं पभूयं
"अयोसिए तकरिति णचा" सूय०१,१४,४; भवयाणमेयं" उत्स० १२, १०; (3) भिक्षा; अणोहंतर. त्रि. (अनोघन्तर ) से प्रारना । गोयरी. भिक्षा. begging of food etc. એને નહિ તરનાર; ૧ દ્રવ્ય ઓઘ- “ अन्नस्स अट्टा इह मागोपि" उत्त. નદીપૂર ૨ ભાવ એધ-આઠ પ્રકારનાં કર્મ १२, १; पंचा० १६, १०;--गिलायक. पुं. सयवा संसा२, तेनेन तरनार. द्रव्य, भावरूप (-ग्लायक) अन्न विना सानि पामना साधु;
ओघ से नहीं तिरने वाला नदी आदि का पूर ભુખ્યા ન રહેવાથી અથવા અભિગ્રહવિશેષથી द्रव्य ओघ और कर्मरूप संसार भावोध सपारमा २माडा२ ४२ ॥२ सयु. बिना अन्न कहलाता है. Not able to cross the के ग्लानि पाने वाला साधु; भूख न रहा जाने से stream of a river or that of अथवा अभिग्रहविशेष से सुबह ही आहार करने Karmas. "अणोहंतरा एए णय अोहंतरि- arar y. an ascetic experiencing तए" आया० १, २, ३, २०;
trouble in fasting; a Sadhu श्रणोहदृश-ट्टिअ. त्रि. (अनपघटक-ट्टिका. who takes food in the morning,
अविद्यमानोपघट्टको यदृच्छया प्रवर्त्तमानस्य being unable to observe हस्तग्राहादिना निवत्तको यस्य तत्तथा ) fast. " जावइयंचणं भंते ! एणगिलायए ગમે તેમ વર્તતાં છતાં જેને હાથ પકડી समणे निगथे कम्मं णिजरेति' भग०१६,४;
अपना२-२१७ना२ नथा ते. मन- पण्ह० २,१; ओव-जंभग. पुं० स्त्री० (-जमाना वर्तन करते हुए भी जिसका हाय म्भक) मा वातानी इस नमानी पडेली पकड़कर रोकने वाला कोई न हो वह. जत. जंभका देवों की दस जातियों में से पहिली Having no body to restrain in जाति. first of the ten kinds of spite of wanton conduct.'
Jambhaki gods. “ अण्णजंभगा सा सुभद्दा अज्जा अणोहट्टिा अणिवारिया पाणभका" भग० १४, ८;-पाण. न. सच्छंदमई'नाया०१६;१८;विवा०२;नाया०ध. (-पान) मनपाणी. अन्नजल. food and अणोहिया. स्त्री० ( अनोधिका ) नोनी २६२ water. नाया० १६;-पुराण. न० (-पुण्य) પાણીનું કોઈ પણ સ્થાન નથી એવી અટવી. અનુકંપાભાવે અન્ન–ભોજન આપવાથી થતું ऐसा जंगल जिसमें पानी का एक भी स्थान पु५५; अन्नपु९५. दयाभाव से भोजन देने नहीं हो. A forest having no place | के कारण जो पुण्य हो वह. religious
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