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अरणत्थ ]
प्रकार की भावना करना Meditation upon the non-identity of the soul with the body. प्रव० ५८०; अण्णत्थ. पुं० ( अनर्थ ) अर्थथी विपरीत; अनर्थ. अर्थ से विपरीत; अनर्थ. Wrong interpretation; false meaning. भग० ७, २; विशे० २५; श्रएणत्थ. त्रि० ( अन्यस्त ) रामेस नहि. न्यास न किया हुआ; निक्षेप न किया हुआ. Not placed; not deposited. विशे० ६१६ अण्णत्थ. प्र० (अन्यत्र ) जीने स्यांड; शिवाय; वने दूसरे स्थान पर; सिवाय; छोड़कर. Elsewhere; barring; excepting. << अण्णत्थकस्थइ " विवा० २; प्रव० ८६२; अण्णत्थकत्थइ मणं प्रकुब्वमाणे " जो • २७; सू०प०२०, पन्न० ११; नाया ०५ - श्रणाभोग. पुं० (-अनाभोग) अनाभोग-अलपण! शिवाय. अनाभोग- अजानपन के सिवाय. Excepting ignorance or unconsciousness.“अण्णत्थाणाभोगेणं " आव ० ६, २: -- गय. त्रि० (-गत ) अन्यत्र - पीने स्थळे गयेस. दूसरे स्थान को गया हुआ. gone elsewhere. भग० ६, ६; अण्णत्थ. पुं० ( अन्वर्थ - अनुगतोऽर्थोऽन्वर्थः) વ્યુત્પત્તિને અનુસારે થતા અર્થવિનાને શબ્દ; જેમાં ઈન્દ્રના અર્થ નથી એવા કાઈ બાળકનું न्द्रि नाभ पाड्युं ते व्युत्पत्ति के अनुसार होने वाले अर्थ से शून्य शब्द जैसे कि किसी साधारण बालक का नाम 'इन्द्र रखा गया तो वहां इन्द्र शब्द का वह अर्थ घटित नहीं होता जो उस शब्द का वास्तविक अर्थ है. A word not bearing out its etymological significance; e. g. the name Indra given to a child not possessing the connotation
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of the word Indra. पंचा० १२, १८; - जुय. त्रि० ( -युत ) व्युत्पत्ति अनुसार अर्थयुक्त. व्युत्पत्ति के अनुसार अर्थ वाला. hav ing a meaning bearing out the etymological sense. पंचा० १६, ३७; - जोग. पुं० (-योग) शब्द अने तेना अर्थन। अनुगत-व्युत्पत्ति अनुसारी संमन्ध. शब्द और उसके अर्थ का व्युत्पत्ति के अनुसार सम्बन्ध. the etymological relation of a word and its meaning. पंचा० १२, १८; अरणदा. अ० ( श्रन्यदा ) श्री । अणभां. और किसी समय में At some other time; at another time. भग० १६,५; राणमराण. त्रि० ( अन्योन्य ) अन्योन्य; पर२५२ श्री. परस्पर; एक दूसरे का. Mutual. " श्ररणमण्णमणुरत्तया अण्ण मरणमणुब्वया " नाया० २; " अण्णमरणं विजमाण विव 66 राय ० श्रया मरणं करेमाणे पारंचिए" ठा० ३, ४, जं० प० ३, ५६; " श्रराण मरणमखुरत्ता, श्ररण मरण हिएसिणो उत्त० १३, ५; अणुजो० ६७; भग० १, ८ २, ५; ३, १; ५, २, ६, ७, ६; ८, ६; ११; १०, १५, १; १८, ७; नाया ० १ ३; ५; ; ; १३; १४; १६; दसा ० १०, १;वव० ४, ५, ६८६; ५, ६, ७, १५; ओव० २७; ३६; निसी० ४, ६६, १४,५;--अब्भास. पुं० (-अभ्यास) अन्योન્ય અભ્યાસ કરવા તે; એક ખીજાને ગુણા
२२ ते; प्रेम } ५x५ = २५ अन्योन्य अभ्यास का करना; एक दूसरे का गुणाकार करना. जैसे ५×५=२५; multiplication of a by the same number e. g. five into five. जो • ६७९ - श्रीगाढ. त्रि० ( - अवगाढ) परस्पर क्षीरनीरनी पड़े सवगाडीने रडेल. आपस में हिल मिलकर दूधपानी के समान मिलकर रहा हुआ. remaining in mutual contact like milk and wa
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[ श्ररणमरण
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