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चाहिये इत्यादि; अपने मत को दोष लगे इस प्रकार दूसरे के मत की उत्थापना करना. establishing one's own tenet by specious and perverse reasoning; refuting the opponent's doctrine by arguments damaging to one's own doctrine. ठा० ४, ३; उवमा स्त्री० (-उपमा ) પોતાની ઉપમા; આત્મતુલના; પેાતાસાથેની सरजामणी. अपने आपकी उपमा आत्म तुलना self-comparison. सूर्य • ११, ३३; —कड. त्रि० ( - कृत ) पोतानुं श स्वीडअरेल; पोतानुं रामेस अपना बनाकर स्वीकार किया हुआ; अपनाकर रखा हुआ. accepted as one's own. भग० १, ६; १७, ४;– कम्म न० (-कर्मन् ) पोतानुं हुश्चरित -हुष्कृत्य. अपना दुश्चरितदुष्कृत्य. one's Own wicked action.“णिच्चुग्विग्गो जहातेणो, अत्तकम्मेहिं दुम्बई ” दस० ५, २, ३६; (२) नेनाथी આત્મા કર્યું કરી લેપાય તેવું કાર્ય; આધાर्भी माहाराहि. ऐसा कार्य जिससे आत्मा कर्मों से लिप्त हो; श्रधाकमी आहार आदि. action causing the inflow of Karma; accepting Adhakarmi food etc. दसा० ६, ६ - गवेस. त्रि० ( - गवेषक ) आत्मचिंता - गवेष थे।६. आत्मा की खोज करने वाला. (one ) meditating upon the nature of the soul. दसा० ६, ३१; ( २ ) ( श्रात्मानं चारित्रात्मानं गवेषयतीति) यरित्रात्मानो गवेष - शोध६. चारित्रात्मा की शोध करने वाला. ( one) meditating upon the nature of the soul and right conduct. तिगिच्छं नाभिनंदेजा, संचिउत्त० २, ३२; – गवेसि.
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खेत्तगवेसए
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त्रि० ( गवेषिन् ) आत्मानी गवेषणाशोध २नार; यात्भार्थी आत्मा की शोध करने वाला; आत्मार्थी.(one) meditating or reflecting upon the nature of the soul, दस० ८, ५७ – गामि. पुं० (-गामिन् ) आत्माने प्राप्त કરવા मोक्षमार्गमां यासनार भुनिः भुभुक्षु आत्मा को प्राप्त करने के लिये मोक्षमार्ग में चलने वाला मुनि; मुमुक्षु a sage striving after final emancipation. मुसं न बूया मुणी त्तगामी” सू० १, १०,२२, - छह. पुं० ( - षष्ठ ) सूयगडांगसूत्रना પહેલા અધ્યયનના પહેલા ઉદ્દેશાના પાંચમા અર્થાધિકાર, કે જેમાં પાંચ ભૂત અને છઠ્ઠા આ त्मानं निरूपण छे. सूयगडांग सूत्र के पहिले अध्याय के पहिले उद्देशे का पाँचवाँ अधिकार, जिसमें पंचभूत और छठे आत्मा का निरूपण है. the fifth subject of the first subdivision of the first chapter of Suyagadanga dealing with the five elements and the soul. अछट्टो पुणो श्राहु, श्राया लोगे य सासए" सू० १, १, १, १५ - ताण. न० ( - त्राण ) आत्मरक्षा; आत्मानुं रक्षण. आत्मरक्षा; आत्मा का रक्षण protsction of the soul. सूय० १, ११, ३२; --दुक्कड न० (-दुष्कृत ) पोतानुं दुष्कृत्य. अपना दुष्कृत्य one's own evil action. “ संपराइय शियच्छंति, अत्तदुक्कडकारिणी " सूय० १, ८, 5; -ater. पुं० (-दोष ) पोतानो होप- प्याभी अपना दोष; निजकी त्रुटि. one's own fault. सम• ३२; भग० २५, ७, — दोषोवसंहार. पुं० ( - दोषोपसंहार ) पोताना होषाने दूरકરવા-અટકાવવા તે; ૩૨ યોગસંગ્રહમાંને वीशमो योगसंग्रह अपने दोषों का दूर
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