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अगठिल्ल ]
(६४)
[अगढिय
--समावरण. पुं० (-समापन्न ) २ मंडूक; कूप का मेंडक. a frog in a well. अतित पास. नरकादि कुगति को प्राप्त. नाया० ८; १६;-मह. पुं० (-मह) सुवाना gone to perdition. ठा० २, २; मे२७५: ५निमित्त महोत्सव. कूप का अगंठिल्ल.त्रि (अप्रन्थिमत् ) is २. बिना | महोत्सव. a festival in connection
गांठ का; गांठ रहित. Without a knot; | with a well. पाया०२, १, २, १२; devoid of knots. भग० १६, ४;
अगड. त्रि. (*भगत-अज्ञात) गणेस. बे अर्गतूण.सं०कृ० अ० ( अगत्वा ) गया विना; |
मालूम; न जाना हुआ. Net known; anन ने. बिना गये; न जाकर. Without
known.वव०६,१४,--सुय. त्रि० (-श्रुत) having gone; without going.
આચારાંગનિશીથ આદિ સૂત્રનો જેણે અભ્યાસ पन्न. 10
या नया ते. आचारांग, निशीथ आदि सूत्रों का अगंथ. पुं० (अग्रन्थ-न विद्यते ग्रन्थो बाह्याभ्य
जिसने अभ्यास न किया हो वह. one who म्तरोऽस्यत्यग्रन्थः ) निय;साधु. निर्ग्रन्थ;
has not studied Sutras(e.g.Achपरिग्रह रहित साधु.A Sidhu; an asce
arainga, Nisitha etc.). वव० ६,१४; tic."पावं कम्मं अकुब्वमाणे एस महं अगंथ
अगडदत्त. पुं० (अगडदत्त.). शंभपुरना सुंदर वियाहिए" आया. १,८, ३, २०७; जं० प० રાજની સુલસા રાણીને પુત્ર, કે જેને પિતાની
સ્ત્રી મદનમંજરીનું દુશ્ચરિત્ર જોઈ વૈરાગ્ય ઉત્પન્ન अगंध. त्रि. (अगन्ध) गंध २हित; विनानु.
થયો હતો તેની વિસ્તૃત કથા ઉત્ત. ૪ અ. गंध रहित; बिना बास का. Devoid of नीटामा छ. शंखपुर के सुंदर राजा की smell. भग. २,१०; ११, १; २०,२०;
सुलसा राणी का पुत्र, जिसको अपनी पत्नी का अगंधण. पुं० (अगन्धन ) सपना मे
दुश्चरित्र देखकर वैराग्य उत्पन्न हुआ था. इसकी જે આગમાં બળવાનું પસંદ કરે પણ ઝેર પાછું
विस्तृत कथा उत्त० ४ अ. की टीका में है. युसे नहि. सर्प का एक जाति, जो अग्नि The name of a son of Sulasā में जलना पसंद करे पर ज़हर को पीछा न चूसे. quoan of Sundara, the king of A species of serpents which Sankhapura, who became an would never suck Lack poison ascetic on knowing the bad even if fire is applied to them. character of his wife Madana"नेच्छति वंतयं भोतुं कुले जाया अगंधणे" | mañjari.(for details of this vide दस० २, ६; उत्त० २२, ४२;
Uttarādh. ch. com. 4th ). उत्त० *अगड. पुं० (कूप ) 1. कूप; कूत्रां, A टी०४;
well. श्राया०२,१,२,२१; भग ०५,७,८,१; ! | अगढिय. त्रि. (भग्रथित) प्रतिस- ; पन० २; नाया०८; १६; ठा० २, ४; ओव. साहारामा -सनास प्रतिबन्ध ३८ पि.नि. भा. १७; ओघ० नि० ६६; रहित; आहारादि में लोलुपता रहित. विशे० ७१४; अणुजो० १३४;-तड. Without restrictions; free from पुं० (-तट ) पाना . कूप का तट.4 restrictions; free from craving border of a well. नाया० ८; १६; for delicious food etc. "अण्णा- दद्दुर. पुं० (-दईर) पान। ६४१.कूप- | ए अगढिए श्रदीणे अविमणे" परह. २,१;
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