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१; - पार. मी० (-पार - अनन्तः पारः पर्यन्तो यस्य कामस्य सोऽनन्तपारः ) अपार अपार. infinite; endless; boundless. “केण प्रणतं पारं संसारं हिंडइ जीवो" से पाया अक्खयसागरे वा, महोदहि वा विश्रांतपारे” सू० १, ६, ८, - भाग. पुं० (-भाग) अनंतमो भाग अंश. अनन्तवाँ हिस्सा. infinitesimal part. भग० १, १, १८, ३; २५, ६; अजो० १४५; उत्त० ३३, २४; विशे० १४० क० प० १, ३०; – भागहीण. त्रि० ( -भागहीन) अनंतमे लागे मोर्छु- डी. मनन्तवें भाग से कम - न्यून. infinitely less; infinitesimally less. भग० २५, ६; – भागमब्भहिय. त्रि० ( - भागाभ्यधिक ) अनंतभे लागे अधि. अनन्तवें भाग से अधिक. in finito limally more. भग० २५, ६– मिस्सिया. स्त्री० ( - मिश्रिता ) प्रत्ये! वनસ્પતિ પાસે પડેલ અનંતકાય-કંદમૂલ આદિ જોઈને એમ કહેવું કે “આ બધું અનંતકાયિક छे" ते सत्यभूषा भाषाना में मेह. प्रत्येक वनस्पति के पास में पड़े हुए अनन्तकायकंदमूलादि को देख कर यह कहना कि, "ये सब अनन्तकाय हैं" यह सत्यमृषा भाषा का एक भेद. a kind of speech partly true and partly false; e. g. seeing a mixture of Anantakāya (roots full of infinite lives) and Pratyeka vegetable, to call the whole as Anantakaya without mentioning the Pratyeka-kāya vegetable. पद्म० ११; – मीसय. न० (-मिश्रक) लुग्यो " अतमिस्सिया २६. देखो" अणंतमिस्सिया' शब्द. vide " श्रणंतमिस्सिया. ठा० १०; -- मोह. त्रि० ( -मोह ) अनंत
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અંત વિનાના મેહ-દર્શનમાહનીય જેને છેતે; मिथ्याली - अज्ञानी अंतरहित मोह - दर्शनमोहनीय वाला; मिथ्यात्वी; अज्ञानी. infinitely deluded in the matter of right belief. दीप्पण व प्रत मोहे, नेयाउयं ददुमदमेव " उत०४, x; वग्ग. पुं० ( वर्ग ) अनंतने अनंत या ते अनंताना वर्ग. अनन्त को अनन्त से गुणा करना; अनन्त का वर्ग. multi plying the infinite and making it infinite fold. श्रोव - वग्गभइय. श्रि० ( - वर्गभक्त ) अनंतने वर्गे कुरी आग पाडेल - बीरेल. अनन्त का वर्ग करके फिर उसका विभाग किया हुआ. divided into infinities. (c सोऽयांत वग्गभइभो, सब्वागासेण मीएज्जा " भोव • -वत्तियाणुप्पेहा. स्त्री० ( -वृत्तितानुप्रेचाअनन्ता अत्यन्तप्रभूता वृत्तिर्वर्त्तनं यस्यासावनन्तवृत्तिः, तस्य भावस्यानुप्रेचा अनन्तवृतिताऽनुप्रेक्षा ) शुद्ध ध्याननी ये भावना; અનંતકાળથી ભવ ભ્રમણ થાય છે તેનાથી निवर्तवानुं चिंतन युं ते. शुक्लध्यान की एक भावना; अनंतकाल से होने वाले संसार भ्रमण से छूटने का चिंतवन. deep meditation on emancipation. from transmigration; a variety of pure concentration of the soul on itself भोव० २०; भग० २५, ७; ठा० ४, १, संसारि त्रि. (- संसारिन् ) ने संसारमा अनंता भव २ छे ते. ऐसा जीव जिसे संसार में अनतं भवों तक भ्रमण करना है. involved in the cycle of endless births and deaths. भग० ३, १, संसारिय. पुं० ( - संसारिक ) भेने संसारमा अनंत अव उवा छे मेवा 4. ऐसा जीव जिसे संसार
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