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अणिस्सिोवस्सिय ]
(१८६)
[ अणिह
की अपेक्षा बिना सेवा आदि करना. गरणंसि उप्परणंसि तत्थ अणिस्पिोवस्सिservice, worship etc. without श्रो अपक्षगाही " ठा० ८; “अणिस्सिोdesire of fame. पण्ह ० २, १; (४) वस्सियं सम्मं ववहारमाणे समणे णिग्गंथे न० लिंग-हेतुनी निश्रा राज्याविनायतुंशान; प्राणाए श्राराहए भवइ" भग० ८, ८; हेतु की अपेक्षा बिना होने वाला ज्ञान. दसा. ४, १०५; वव. १०,३, knowledge not requiring अणिस्सिोवहाण. न० (अनिश्रितोपधान) syllogistic proof. विशे० ३१०; બીજાની સહાય વિના કરવામાં આવતું તપ; ठा० ६, १; (५) पुस्ताहिनी अपेक्षा નિષ્કામ તપ ૩૨ સંગ્રહમાંને ચોથો पिना यतुं ज्ञान. पुस्तकादि की अपेक्षा बिना योगसंग्रह. दूसरे की सहायता बिना किया होने वाला ज्ञान. knowledge not जाने वाला तप; निष्काम तप; ३२ योगrequiring reference of books
संग्रहों में से चौथा योगसंग्रह. Penance etc. दस० ४; () त्रि. मी पण observed without the help of सहायता न it. किसीसे भी सहायता others; penance without desire की चाहना न करने वाला not needing of worldly fruit; the fourth of help from any quarter. “अणि- the thirty-two Yogasangrahas. स्लिमो इह लोए परलोए अणिस्सिभो" उत्त. सम० ३२; १६, ६३; विशे० १६६; ३०६;-वयण. अणिह. पुं० मी० ( अनिह ) चाहियी अपीत्रि. (-वचन) शाहिहापरहित रेन । ति. क्रोधादि से अपीडित. (One ) not वयन छेते; शुध ०५४. रागादि दोषों से | afflicted by anger etc.“ wants रहित वचनों वाला, शुद्ध प्ररूपक. free से पुढे अहियासए '' सूय० १, २, १, १३; froin attachment or hatred in (२) पुं० बी० भाया, अपंच रहित; speech. दसा. ४, २७–वयणया. ७५८ २हित. माया, प्रपंच रहित; कपट रहित. स्त्री० (-वचनता-वचन ) २४५ माहि | free from deceit, “अस्सिं सुठिचा २खित पयन. रागद्वेषादि रहित वचन. | अणिहे चरेजा" सूय० २, ५, ४२; १, ८, speech free from passions. ठा० । १८; दस० १०, १, १७
अणिह.. पुं० ( भनिहत ) 6५साहिया अणिस्सिोवस्सिय. पुं० (अनिश्रितो
અપરાજિત; ઉપસર્ગથી પરાભવ ન પામેલ. पाश्रित ) निश्रित--२अथवा माहाराहिनी
उपसर्गादि से पराभव न पाया हुआ. (One) લુપતા, ઉપાશ્રિત–ષ અથવા શિષ્ય આદિ- not overpowered by disturની અપેક્ષા. અનહિ; રાગદ્વેષ રહિત; આહાર
bance caused by human beings, श्मने शिष्याहिनी अपेक्षा हित साधु. रागद्वेष
celestial beings etc. " अणिहे एग रहित; पाहार और शिष्य आदि की अपेक्षा
मप्पाणं संपेहाए धुणे सरीरं " आया० १, रहित साधु. A Sadhu free from ४, ३, १३५; सूय० १, २, २, ३०; passion and hatred; also, one अणिह. पुं० (अनेह) शमष वरना; स्ने not yearning for sweet, food, | वगरना. रागद्वेष रहित; स्नेह रहित. Free disciples etc. “साहम्मियाणं अहि- from attachment. आया० १, ४,
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