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श्री स्थानांग सूत्र 000000000000000000000000000000000000000000000000000 दो णीलोभासा, दो भासा, दो भासरासी, दो तिला, दो तिलपुष्पवण्णा, दो दगा, दो दगपंचवण्णा, दो काका, दो कक्कंधा, दो इंदग्गी, दो धूमकेऊ, दो हरी, दो पिंगला, दो बुद्धा, दो सुक्का, दो बहस्सई, दो राहू, दो अगत्थी, दो माणवगा, दो. कासा, दो फासा, दो धुरा, दो पमुहा, दो वियडा, दो विसंधी, दो णियल्ला, दोपइल्ला, दो जडियाइलगा, दो अरुणा, दो अग्गिल्ला, दो काला, दो महाकालगा, दो सोत्थिया, दो सोवत्थिया, दो बद्धमाणगा, दो पूसमाणगा, दो अंकुसा, दो पलंबा दो णिच्चालोगा, दो णिच्चुज्जोया, दो संयपभा, दो ओभासा, दो सेयंकरा, दो खेमंकरा, दो आभंकरा, दो पभंकरा, दो अपराजिया, दो अरया दो असोगा, दो विगयसोगा, दो विमला, दो विमुहा, दो वितत्ता, दो वितत्था, दो विसाला, दो . साला, दो सुव्वया, दो अणियट्ठा, दो एगजडी, दो दुजडी, दो करकरिगा, दो रायग्गला, दो पुप्फकेऊ, दो भावकेऊ॥३८॥ __कठिन शब्दार्थ - चंदा - चन्द्रमा, पभासिंसु - प्रकाशित हुए थे, पभासंति - प्रकाशित होते हैं, . पभासिस्संति -- प्रकाशित होंगे, सूरिया - सूर्य, तविंसु - तपे थे, तवंति - तपते हैं, तविस्संति - तपेंगे, कत्तिया - कृतिका, अद्दा - आर्द्रा, पुणव्यसू - पुनर्वसु, पूसो - पुष्य, अस्सलेसा - अश्लेषा, महा- मघा, फग्गुणीओ - फाल्गुनी, हत्यो - हस्त, चित्ता - चित्रा, विसाहा - विशाखा, अणुराहा - अनुराधा, जेट्ठा - ज्येष्ठा, पुवाआसाढा - पूर्वा आषाढा, अभिई - अभिजित, सवण - श्रवण, धणिट्ठाधनिष्ठा, सयभिसया - शत भिषक्, अस्सिणि - अश्विनी। - भावार्थ - इस जम्बूद्वीप में दो चन्द्रमा प्रकाशित हुए थे, प्रकाशित होते हैं और प्रकाशित होंगे। इसी प्रकार दो सूर्य तपे थे, तपते हैं और तपेंगे। इस जम्बूद्वीप में दो कृतिका, दो रोहिणी, दो मृगशिर, दो आर्द्रा नक्षत्र हैं। इस प्रकार कहना चाहिए - __१. कृतिका २. रोहिणी ३. मृगशिर ४. आर्द्रा ५. पुनर्वसु ६. पुष्य ७. अश्लेषा ८. मघा ९-१०. दो फाल्गुनी यानी पूर्वा फाल्गुनी और उत्तराफाल्गुनी ११. हस्त १२. चित्रा १३. स्वाति १४. विशाखा १५. अनुराधा १६. ज्येष्ठा १७. मूल १८. पूर्वा आषाढा १९. उत्तरा आषाढा २०. अभिजित २१. श्रवणं २२. धनिष्ठा २३. शतभिषक् २४-२५. दो भाद्रपद यानी पूर्व भाद्रपद और उत्तर भाद्रपद २६. रेवती २७. अश्विनी २८. भरणी। इस प्रकार अनुक्रम से ये २८ नक्षत्र जानने चाहिएं। इस तरह गाथा के अनुसार यावत् दो भरणी तक जानना चाहिए। इन २८ नक्षत्रों के २८ देवता होते हैं। क्रमशः उनके नाम इस प्रकार हैं -
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