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स्थान ४ उद्देशक २
३०३ 000000000000000000000000000000000000000000000000000 दिया गया है जिज्ञासुओं को वहां से देख लेना चाहिये। कहीं पर जाति आर्य के बारह भेद किये गये हैं। अतः इन नौ के पहले तीन भेद और कह देने चाहिए वे इस प्रकार है - १. नाम आर्य २. स्थापना आर्य ३. द्रव्य आर्य। ये तीन भेद और मिला देने से आर्य के बारह भेद हो जाते हैं।
वृषभ और पुरुष चत्तारि उसभा पण्णत्ता तंजहा - जाइसंपण्णे, कुलसंपण्णे, बलसंपण्णे, रूवसंपण्णे । एवामेव चत्तारि पुरिसजाया पण्णत्ता तंजहा - जाइसंपण्णे जाव रूवसंपण्णे । चत्तारि उसभा पण्णत्ता तंजहा - जाइसंपण्णे णाममेगे णो कुलसंपण्णे, कुलसंपण्णे णाममेगे णो जाइसंपण्णे, एगे जाइसंपण्णे वि कुलसंपण्णेवि, एगे णो जाइसंपण्णे णो कुलसंपण्णे । एवामेव चत्तारि पुरिसजाया पण्णत्ता तंजहा - जाइसंपण्णे णाममेगे णो कुलसंपण्णे । चत्तारि उसभा पण्णत्ता तंजहा - जाइसंपण्णे णाममेगे णो बलसंपण्णे । एवामेव चत्तारि पुरिसजाया पण्णत्ता तंजहा - जाइसंपण्णे णाममेगे णो बलसंपण्णे । चत्तारि उसभा पण्णत्ता तंजहा - जाइसंपण्णे णाममेगे णो रूवसंपण्णे। एवामेव चत्तारि पुरिसजाया पण्णत्ता तंजहा - जाइसंपण्णे णाममेगे णो रूवसंपण्णे । चत्तारि उसभा पण्णत्ता तंजहा - कुलसंपण्णे णाममेगे णो बलसंपण्णे । एवामेव चत्तारि पुरिसजाया पण्णत्ता तंजहा - कुलसंपण्णे णाममेगे णो बलसंपण्णे । चत्तारि उसभा पण्णत्ता तंजहा - कुलसंपण्णे णाममेगे णो रूवसंपण्णे । एवामेव चत्तारि पुरिसजाया पण्णत्ता तंजहा - कुलसंपण्णे णाममेगे णो रूवसंपण्णे । चत्तारि उसभा पण्णत्ता तंजहा - बलसंपण्णे णाममेगे णो रूवसंपण्णे । एवामेव चत्तारि पुरिसजाया पण्णत्ता तंजहा - बलसंपण्णे णाममेगे णो रूवसंपण्णे॥१४७॥ - कठिन शब्दार्थ - उसभा- वृषभ (बैल) जाइसंपण्णे - जाति संपन्न, कुलसंपण्णे - कुल सम्पन्न, बलसंपण्णे - बल सम्पन्न, स्वसंपण्णे - रूप संपन्न।
भावार्थ - चार प्रकार के वृषभ अर्थात् बैल कहे गये हैं यथा - जाति सम्पन्न यानी जिसकी माता गुणवान् एवं उत्तम है । कुल संपन यानी जिसका पिता गुणवान् एवं उत्तम है । बलसंपन यानी भारवहन करने में समर्थ एवं पराक्रमवान् । रूपसंपन्न यानी सुन्दर शरीर और आकृति वाला । इसी प्रकार चार प्रकार के पुरुष कहे गये हैं यथा - जाति सम्पन्न यानी जिसका मातृपक्ष निर्मल हो । यावत् कुलसम्पन्न, बलसम्पन्न और रूपसम्पन्न । अब १. जाति शब्द के साथ कुल, २. जाति शब्द के साथ बल, ३. जाति शब्द के साथ रूप, ४. कुल शब्द के साथ बल, ५. कुल शब्द के साथ रूप, और ६. बल शब्द के साथ
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