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स्थान ४ उद्देशक २ 00000
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नहीं है । इसी तरह चार प्रकार के पुरुष कहे गये हैं। यथा- कोई एक पुरुष बल सम्पन्न है किन्तु रूप सम्पन्न नहीं है। इस तरह जिस प्रकार बैल की चौभङ्गी कही गई है उसी प्रकार पुरुष की भी चौभङ्गी कह देनी चाहिए।
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विवेचन - मातृपक्ष को जाति कहते हैं और पितृ पक्ष को कुल कहते हैं। जिसका मातृ पक्ष निर्मल, गुणवान् एवं उत्तम होता है वह जाति संपन्न कहलाता है और जिसका पितृपक्ष गुणवान् निर्मल, एवं उत्तम है वह कुल सम्पन्न कहलाता है। प्रस्तुत सूत्र में चार प्रकार के बैलों के माध्यम चार प्रकार के पुरुष का चौभंगियों के आधार पर विश्लेषण किया गया है।
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हाथी और पुरुष
· चत्तारि हत्थी पण्णत्ता तंजहा - भद्दे, मंदे, मिए, संकिण्णे । एवामेव चत्तारि पुरिसजाया पण्णत्ता तंजहा भद्दे, मंदे, मिए, संकिण्णे । चत्तारि हत्थी पण्णत्ता तंजहा- भद्दे णाममेगे भद्दमणे, भद्दे णाममेगे मंदमणे, भद्दे णाममेगे मियमणे, भद्दे णाममेगे संकिण्णमणे । एवामेव चत्तारि पुरिस जाया पण्णत्ता तंजहा - भद्दे णाममेगे भद्दमणे, भद्दे णाममेगे मंदमणे, भद्दे णाममेगे मियमणे, भद्दे णाममेगे संकिण्णमणे । चत्तारि हत्थी पण्णत्ता तंजहा - मंदे णाममेगे भद्दमणे, मंदे णाममेगे मंदमणे, मंदे णाममेगे मियमणे, मंदे णाममेगे संकिण्णमणे । एवामेव चत्तारि पुरिस जाया पण्णत्ता तंजा - मंदे णाममेगे भद्दमणे तं चेव । चत्तारि हत्थी पण्णत्ता तंजहा - मिए णाममेगे भद्दमणे, मिए णाममेगे मंदमणे, मिए णाममेगे मियमणे, मिए णाममेगे संकिण्णमणे । 'एवामेव चत्तारि पुरिसजाया पण्णत्ता तंजहा - मिए णाममेगे भमणे तं चेव । चत्तारि हत्थी पण्णत्ता तंजहा - संकिण्णे णाममेगे भद्दमणे, संकिण्णे णाममेगे मंदमणे, संकिण्णे णाममेगे मियमणे, संकिण्णे णाममेगे संकिण्णमणे । एवामेव चत्तारि पुरिसजाया पण्णत्ता तंजहा - संकिण्णे णाममेगे भद्दमणे तं चेव जाव संकिण्णे णाममेगे संकिण्णमणे ।
महुगुलिय पिंगलक्खो, अणुपुव्वसुजायदीहलंगूलो । पुरओ उदग्गधीरो, सव्वंगसमाहिओ भो ॥ १ ॥ चल बहलविसमचम्मो, थूलसिरो थूलएण पेएण । थूलणह दंतवालो, हरिपिंगल लोयणो मंदो ॥ २ ॥
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