Book Title: Sthananga Sutra Part 01
Author(s): Nemichand Banthiya, Parasmal Chandaliya
Publisher: Akhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
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श्री स्थानांग सूत्र
... ३. रज्जु - इंच, फुट, गज, मीटर आदि ।
४. राशि - त्रैराशिक, पंचराशिक आदि।
अधोलोक ऊर्ध्वलोक और तिर्छा लोक में चार-चार पदार्थ अंधकार तथा प्रकाश करने वाले कहे . गये हैं। इससे यह सिद्ध होता है कि पापकर्म, अशुभ पुद्गल अंधकार करने वाले हैं और पुण्य कर्म और शुभ पुद्गल उद्योत करने वाले हैं।
॥चौथे स्थान का तीसरा उद्देशक समाप्त ॥
चौथे स्थान का चौथा उद्देशक ..
.. चार प्रसर्पक चत्तारि पसप्पगा पण्णत्ता तंजहा - अणुप्पण्णाणं भोगाणं उप्याएत्ता एगे पसप्पए। पुषुप्पण्णाणं भोगाणं अविप्पओगेणं एगे पसप्पए। अणुप्पण्णाणं सोक्खाणं उप्पाइत्ता एगे पसप्पए। पुषुप्पण्णाणं सोक्खाणं अविष्पओगेणं एगे पसप्पए।
नैरयिक आदि के आहार णेरइयाणं चउव्विहे आहारे पण्णत्ते तंजहा - इंगालोवमे, मुम्मुरोवमे, सीयले, हिमसीयले ।तिरिक्खजोणियाणं चउविहे आहारे पण्णत्ते तंजहा - कंकोवमे, बिलोवमे, पाणमंसोवमे, पुत्तमंसोवमे । मणुस्साणं चउव्विहे आहारे पण्णत्ते तंजहा - असणे, पाणे, खाइमे, साइमे । देवाणं चउविहे आहारे पण्णत्ते तंजहा - वण्णमंते, गंधमंते, रसमंते, फासमंते ।
जाति आशीविष चत्तारि जाइआसीविसा पण्णत्ता तंजहा - विच्छुय जाइआसीविसे, मंडुक्क जाइ आसीविसे, उरग जाइ आसीविसे, मणुस्स जाइ आसीविसे । विच्छ्य जाइ आसीविसस्स णं भंते ! केवइए विसए पण्णत्ते ? पभू णं विच्छुय जाइ आसीविसे अद्धभरहप्पमाणमेत्तं बोदिं विसेणं विसपरिणयं विसट्टमाणिं करित्तए, विसए से विसद्वृत्ताए णो चेव णं संपत्तीए करिसुवा, करेंति वा, करिस्संति वा । मंडुक्क जाइ
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