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श्री स्थानांग सूत्र 000000000000000000000000000000000000000000000000000 इसी प्रकार यम, वैश्रमण और वरुण, इन लोकपालों के भी उपरोक्त नामों वाली चार चार अग्रमहिषियाँ हैं। नागकुमारों के राजा नागकुमारों के इन्द्र धरण का कालपाल नामक जो लोकपाल हैं उसके चार अग्रमहिषियाँ कही गई हैं यथा-अशोका, विमला, सुप्रभा और सुदर्शना। इसी प्रकार लोकपाल, शैलपाल और यावत् शंखपाल की भी उपरोक्त नामों वाली चार चार अग्रमहिषियाँ हैं। नागकुमारों के राजा नागकुमारों के इन्द्र भूतानन्द के जो कालपाल नामक लोकपाल है उसके चार अग्रमहिषियाँ कही मई हैं यथा - सुनन्दा, सुभद्रा, सुजात और सुमना। इसी प्रकार कोलपाल, शंखपाल और शैलपाल, इनके भी उपरोक्त नामों वाली चार चार अग्रमहिषियाँ हैं। जिस प्रकार दक्षिण दिशा के धरणेन्द्र के लोकपालों की अग्रमहिषियाँ कही गई हैं उसी प्रकार घोष तक यानी वेणुदेव, हरिकान्त, अग्निशिख, पूर्ण, जलकान्त, अमितगति, वेलम्ब और घोष इन सब दक्षिण दिशा के आठ इन्द्रों के लोकपालों के प्रत्येक के अशोका, विमला, सुप्रभा और सुदर्शना ये चार चार अग्रमहिषियां हैं। जिस प्रकार उत्तर दिशा के भूतानन्द के लोकपालों की अग्रमहिषियाँ कही गई हैं उसी प्रकार महाघोष तक यानी वेणुदालि, हरिस्सह, अग्निमान्, अवविशिष्ट, जलप्रभ, अमितवाहन, प्रभजन और महाघोष इन उत्तर दिशा के आठों इन्द्रों के लोकपालों के प्रत्येक के सुनन्दा, सुभद्रा, सुजाता और सुमना ये चार चार अग्रमहिषियाँ हैं ।
पिशाचों के राजा, पिशाचों के इन्द्र काल के चार अग्रमहिषियों कही गई हैं यथा - कमला, कमलप्रभा, उत्पला और सुदर्शना । इसी प्रकार महाकाल के भी उपरोक्त नामों वाली चार अग्रमहिषियाँ हैं । भूतों के राजा, भूतों के इन्द्र सुरूप के चार अग्रमहिषियों कही गयी हैं यथा - रूपवती, बहुरूपा, सुरूपा और सुभगा । इसी प्रकार प्रतिरूप के चार अग्रमहिषियाँ हैं । यक्षों के राजा, यक्षों के इन्द्र पूर्णभद्र के चार अग्रमहिषियाँ कही गई है यथा - पुत्रा अथवा पूर्णा, बहुपुत्रिका उत्तमा और तारका । इसी प्रकार मणिभद्र के भी चार अग्रमहिषियों हैं । राक्षसों के राजा, राक्षसों के इन्द्र भीम के चार अग्रमहिषियों कही गई हैं यथा - पद्मा, वसुमती, कनका और रत्नप्रभा । इसी प्रकार महाभीम के उपरोक्त नामों वाली चार अग्रमहिषियाँ हैं । किन्नरों के राजा, किन्नरों के इन्द्र किन्नर के चार अग्रमहिषियां कही गई हैं यथा - वडिंसा (अवतन्सा), केतुमती, रतिसेना और रतिप्रभा । इसी प्रकार किंपुरुष के भी उपरोक्त नामों वाली चार अग्रमहिषियाँ हैं । किंपुरुषों के राजा, किंपुरुषों के इन्द्र सत्पुरुष के चार अग्रमहिषियों कही गई है यथा - रोहिणी, नवमिका, ही और पुष्पवंती। इसी प्रकार महापुरुष के भी उपरोक्त नामों वाली चार अग्रमहिषियों हैं। महोरगों के इन्द्र अतिकाय के चार अग्रमहिषियों कही गई है यथा - भुजगा, भुजगवती, महाकच्छा और स्फुटा । इसी प्रकार महाकाय के भी उपरोक्त नामों वाली चार अग्रमहिषियाँ हैं । गन्धवों के इन्द्र गीतरति के चार अग्रमहिषियों कही गई हैं यथा - सुघोषा, विमला, सुस्वरा और सरस्वती । इसी प्रकार गीतयश के भी उपरोक्त नामों वाली चार अग्रमहिषियाँ हैं।
ज्योतिषियों के राजा, ज्योतिषियों के इन्द्र चन्द्र के चार अग्रमहिषियाँ कही गई हैं यथा -
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