Book Title: Sthananga Sutra Part 01
Author(s): Nemichand Banthiya, Parasmal Chandaliya
Publisher: Akhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
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स्थान ४ उद्देशक १
चन्द्रप्रभा, दोषिनाभा, अर्चिमाली और प्रभंकरा । इसी प्रकार सूर्य के भी चार अग्रमहिषियाँ कही गई हैं यथा - सूर्यप्रभा, दोषिनाभा, अर्चिमाली और प्रभंंकरा ।
इंगाल यानी मंगल नामक महाग्रह के चार अग्रमहिषियाँ कही गई हैं यथा - विजया, वैजयन्ती, जयन्ती और अपराजिता । इसी प्रकार भावकेतु पर्यन्त सब ही महाग्रहों के चार चार अग्रमहिषियाँ हैं ।
देवों के राजा, देवों के इन्द्र शक्र के जो सोम नाम का लोकपाल हैं उसके चार अग्रमहिषियां कही गई हैं यथा - रोहिणी, मदना, चित्रा और सोमा । इसी प्रकार यम, वरुण और वैश्रमण के भी चार चार अग्रमहिषियां हैं। देवों के राजा देवों के इन्द्र ईशान का जो सोम नामक लोकपाल हैं उसके चार
महिषयाँ कही गई हैं यथा- पृथ्वी, राजी, रजनी और विदयुत् । इसी प्रकार यम, वैश्रमण और वरुण, इन तीनों लोकपालों के भी उपरोक्त नामों वाली चार चार अग्रमहिषियाँ हैं ।
विवेचन - लोकपाल की मुख्य राणियाँ - राजा की स्त्रियाँ - राजराणियाँ अग्रमहिषियाँ कहलाती है । गोरस बिगय, स्नेह विगय, महाविगय, कूटागार, कूटागार शालाएँ
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चत्तारि गोरसविगईओ पण्णत्ताओ तंजहा - खीरं, दहिं, सप्पिं, णवणीयं । 'चत्तारि सिणेहविगईओ पण्णत्ताओ तंजहा - तेल्लं, घयं, वसा, णवणीयं । चत्तारि महाविगईओ पण्णत्ताओ तंजहा - महुं, मंसं, मज्जं, णवणीयं । चत्तारि कूडागारा पत्ता तंज- गुत्ते णामं एगे गुत्ते, गुत्ते णामं एगे अगुत्ते, अगुत्ते णामं एगे गुत्ते, अगुत्ते णामं एगे अगुत्ते । एवमेव चत्तारि पुरिसजाया पण्णत्ता तंजहा - गुत्ते णाममेगे गुत्ते । चत्तारि कूडागारसालाओ पण्णत्ताओ तंजहा- गुत्ता णामं एगा गुत्तदुवारा । गुत्ता णामं एगा अगुत्तदुवारा, अगुत्ता णामं एगा गुत्तदुवारा, अगुत्ता णामं एगा अगुत्तदुवारा । एवामेव चत्तारि इत्थीओ पण्णत्ताओ तंजहा - गुत्ता णामं एगा गुत्तिंदिया, गुत्ता णाममेगा अगुत्तिंदिया, अगुत्ता णाममेगा गुत्तिंदिया, अगुत्ता णाममेगा अगुत्तिंदिया । अवग
विहा ओगाहणा पण्णत्ता तंजहा - दव्वोगाहणा, खेत्तोगाहणा, कालोगाहणा, भावोगाहणा ।
अंग बाह्य प्रज्ञप्तियाँ
चत्तारि पण्णत्तीओ अंगबाहिरियाओ पण्णत्ताओ तंजहा सूरपण्णत्ती, जंबूद्दीवपण्णत्ती, दीवसागरपण्णत्ती ॥ १४३ ॥ ।। इइ चउट्ठाणस्स पढमोद्देसो सम्मत्तो ॥
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चंदपण्णत्ती,
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