Book Title: Sthananga Sutra Part 01
Author(s): Nemichand Banthiya, Parasmal Chandaliya
Publisher: Akhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
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..... श्री स्थानांग सूत्र 000000000000000000000000000000000000000000000000000 सुवण्णकूला, रत्ता, रत्तवई। जंबूमंदरपुरच्छिमेणं सीयाए महाणईए उत्तरेणं तओ अंतरणईओ पण्णत्ताओ तंजहा - गाहावई, दहवई, पंकवई। जंबूमंदरपुरच्छिमेणं सीयाए महाणईए दाहिणेणं तओ अंतरणईओ पण्णत्ताओ तंजहा - तत्तजला मत्तजला उम्मत्तजला। जंबूमंदरपच्चत्थिमेणं सीओयाए महाणईए दाहिणेणं तओ अंतरणईओ पण्णत्ताओ तंजहा-खीराओसीयसोउरा अंतोवाहिणी। जंबूमंदरपच्चत्थिमेणं सीओयाए महाणईए उत्तरेणं तओ अंतरणईओ पण्णत्ताओ तंजहा उम्मिमालिणी, फेणमालिणी, गंभीरमालिणी। एवं धायइखंडे दीवे पुरच्छिमद्धे वि अकम्मभूमीओ आढवेत्ता जाव अंतरणईओ त्ति णिरवसेसं भाणियव्वं, जाव पुक्खरवरदीवड पच्चत्थिमद्धे तहेव णिरवसेसं भाणियव्वं ॥१०४॥
भावार्थ - इस जम्बूद्वीप के मेरु पर्वत के दक्षिण में तीन अकर्मभूमियाँ कही गई हैं यथा - हैमवत हरिवर्ष देवकुरु । इस जम्बूद्वीप में मेरु पर्वत के उत्तर में तीन अकर्मभूमियाँ कही गई हैं यथा - उत्तरकुरु रम्यग्वर्ष ऐरण्यवत। जम्बूद्वीप के मेरु पर्वत के दक्षिण में तीन क्षेत्र कहे गये हैं यथा - भरत हेमवत और हरिवर्ष। जम्बूद्वीप के मेरु पर्वत के उत्तर में तीन क्षेत्र कहे गये हैं यथा - रम्यग्वर्ष हैरण्यवत और ऐरवत। जम्बूद्वीप में मेरु पर्वत के दक्षिण में तीन वर्षधर पर्वत कहे गये है यथा - चुल्लहिमवान् महाहिमवान् और निषध। जम्बूद्वीप में मेरु पर्वत के उत्तर में तीन वर्षधर पर्वत कहे गये हैं यथा - नीलवान् रुक्मी और शिखरी। जम्बूद्वीप में मेरु पर्वत के दक्षिण में तीन महाद्रह कहे गये हैं यथा - पद्मद्रह महापद्मद्रह और तिगिच्छ द्रह। वहाँ पर महर्द्धिक यावत् एक पल्योपम की स्थिति वाली तीन देवियाँ रहती हैं यथा - श्री, ही और धृति । इसी तरह उत्तर में भी तीन महाद्रह कहे गये हैं। यथा - केसरी द्रह महापुण्डरीक द्रह और पुण्डरीक द्रह। वहां पर कीर्ति बुद्धि और लक्ष्मी ये तीन देवियाँ रहती है। इस जम्बूद्वीप के मेरु पर्वत के दक्षिण में चुल्लहिमवान् वर्षधर पर्वत के पद्म महाद्रह से तीन महानदियाँ बहती है यथा - गङ्गा सिन्धु और रोहितंसा। जम्बूद्वीप में मेरु पर्वत के उत्तर में शिखरी वर्षधर पर्वत के पुण्डरीक महाद्रह से तीन महानदियाँ बहती हैं यथा - सुवर्णकूला रक्ता और रक्तवती। जम्बुद्वीप में मेरु पर्वत के पूर्व में सीता महानदी के उत्तर में तीन अन्तरनदियां कही गई हैं यथा - ग्राहवती द्रहवती और पतवती। जम्बूद्वीप में मेरु पर्वत के पूर्व में सीता महानदी के दक्षिण में तीन अन्तरनदियाँ कही गई है यथा - तप्तजला, मत्तजला और उन्मत्तजला। जम्बूद्वीप के मेरु पर्वत के पश्चिम में सीतोदा महानदी के दक्षिण में तीन अन्तरनदियाँ कही गई हैं। यथा - क्षीरोदा शीतश्रोता-सिंहस्रोता
और अन्तोवाहिनी। जम्बूद्वीप के मेरु पर्वत के पश्चिम में सीतोदा महानदी के उत्तर में तीन अन्तरनदियाँ कही गई हैं यथा - उर्मिमालिनी, फेनमालिनी गम्भीरमालिनी। इसी प्रकार धातकीखण्ड द्वीप के पूर्वार्द्ध
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