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गोम्मटसार जीवका सम्बन्धी प्रकरण अनुक्रम का वर्णन है। बहुरि संक्रमणाधिकार विर्षे स्वस्थान परस्थान संक्रमण कहि संक्लेशविशुद्धि का वृद्धि-हानि से जैसे संक्रमण हो है ताका, अर संक्लेशविशुद्धि विर्षे जैसे लेश्या के स्थान होइ, पर तहां जैसै षट्स्थानपतित वृद्धि हानि संभव, ताका वर्णन है । बहुरि कर्माधिकार विर्षे छहों लेश्यावाले कार्य विर्षे जैसे प्रवत, ताके उदाहरण का वर्णन है । बहुरि लक्षणाधिकार विर्षे छहो लेश्यावालेनि का लक्षण वर्णन है ।
बहुरि गति अधिकार विर्षे लेश्यानि के छब्बीस अंश, तिमविर्षे आठ मध्यम अंश प्रायुबंध की कारण, ते पाठ अपकर्षकालनि विर्षे हौइ, तिन अपकर्षनि का उदाहरणपूर्वक स्वरूप का अर तिनविर्षे आयु न बंधै तो जहां बंधै ताका, अर सोपश्रमायुष्क, निरुपक्रमायुष्क, जीवनि के अपकर्षणरूप काल का वा तहां आयु बंधने का विधान वा गति आदि विशेष का, अर अपकर्षनि विर्षे प्रायु बंधनेवाले जीवनि के प्रमाण का वर्णन करि पीछे लेश्यानि के अठारह अंशनि विर्षे जिस-जिस अंश विर्षे मरण भए, जिस-जिस स्थान विर्षे उपजै ताका वर्णन है।
बहरि स्वामी अधिकार विर्षे भाव लेश्या की अपेक्षा सात नरकनि के नारकीनि विर्ष, अर मनुष्य-तिथंच विषै, तहां भी एकेंद्रिय-विकलत्रय विर्षे, असैनी पचेंद्रिय विर्षे लब्धि अपर्याप्तक तिर्यंच-मनुष्य विर्षे, अपर्याप्तक तिर्यंच-मनुष्य-भवनत्रिकदेव सासादन वालों विष, पर्याप्त-अपर्याप्त भोगभूमियां विर्षे, मिथ्यादृष्टि आदि गुणस्थानिनि विर्षे, पर्याप्त भवनत्रिक-सौधर्मादिक आदि देवनि विष जो-जो लेश्या पाइए ताका वर्णन है । तहां असैनी के लेश्यानिमित्त तें गति विर्षे उपजने का आदि विशेष कथन है।
बहुरि साधन अधिकार विर्षे द्रव्य लेश्या अर भाव लेश्यानि के कारण का वर्णन है।
बहुरि संख्याधिकार विर्षे द्रव्य, क्षेत्र, काल, भाव, मान करि कृष्णादि लेश्यावाले जीवनि का प्रसाण वर्णन है ।
बहुरि क्षेत्राधिकार विर्षे सामान्यपने स्वस्थान, समुद्घात, उपपाद अपेक्षा, विशेषपने दोय प्रकार स्वस्थान, सात प्रकार समुद्घात, एक उपपाद इन दश स्थाननि विर्षे संभवतै स्थाननि की अपेक्षा कृष्णादि लेश्यानि का (स्थान वर्णन कहिए) क्षेत्र वर्णन है । तहां प्रसंग पाइ विवक्षित लेश्या विर्षे संभवत स्थान, तिन विर्षे जीवनि के प्रमाण का, तिन स्थाननि विर्षे क्षेत्र के प्रमाण का, समुद्घातादिक के विधान का, क्षेत्रफलादिक का, भरने वाले प्रादि देवनि के प्रमाण का, केवल समुद्घात विष दंड-कपाटादिक का, तहां लोक के क्षेत्रफल का इत्यादिक का वर्णन है ।