Book Title: Agam 18 Upang 07 Jambudveep Pragnapti Sutra Part 02 Sthanakvasi
Author(s): Kanhaiyalal Maharaj
Publisher: Jain Shastroddhar Samiti Ahmedabad
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जम्बूद्वीपप्रज्ञप्तिसूत्रे कइकूडा पण्णत्ता ? गोयमा ! णवकूडा पण्णता वर्षधरपर्वते कति कुटालि प्रज्ञशानि ? भगवा. नाह-हे गौतम! नव कूटानि प्रज्ञप्तानि, 'तं जहा-सिद्धाययणकडे ?, णिसटकूडे २ हरिवासकूडे ३ पुत्रविदेह कूडे ४ हरिकूडे ५ घिईकूडे ६ सीओयाकूडे ७ अवरविदेहकूटे ८ रुयगकूडे ९ जो चेत्र चुल्लहिमवंतक्डाणं उच्चत्तविवखंभपरिक्खेवो पुव्यवष्णिो यहाणी य सच्चेव इहपि णेयच्या' नवरम् सिद्धायतने कूटम् १ निषधकूटम्-निषधवर्षधर पर्वताधिषवासं. कूटम् २, हरिवर्षक्टम्-हरिवर्षक्षेत्राधिएकूटम् ३ पूर्वविदेहकुटं-पूर्वविदेहाधिपकटम् ४, हरिकूट-हरि सलिलानदी देवी कूटम् ५, धृतिकूटम्-धृतिः तिगिञ्छिहृदाधिष्ठात्रीदेवी तस्याः कूटम् ६, शीतोदाकूट-शीतोदानदी देवीकूटम् ७, अपरविदेहकूटम्-अपरविदेहाधिपकूटम् ८, रुचाकूटं-रुचकः चक्रवालपर्वतविशेपस्तत्पतिकूटम् ९, अत्र वक्तव्येऽतिदेशसूत्रमाह-'जो के वर्षधर पर्वत पर कितने कूट कहे गये हैं ? उत्तर में प्रभु कहते हैं-(गोयमा ! णव कूडा पण्णत्ता) हे गौतम ! नौ कूट कहे गये है-(तं जहा) उनके नाम इस प्रकार से है (सिद्धाययणकूडे, णिसढकूडे, हरिवासकूडे, पुत्वबिदेहकूडे, हरिकूडे, घिई. कूडे, सीओआकूडे, अवरविदेहकडे, रुअगकडे,) सिद्वायतनकूट निषधकूट, हरि. वर्षकूट, पूर्वविदेहकूट, हरिकट, धृतिकूट, सीतोदाकूट, अपरविदेस्कट, और रुच. ककूट इनमें । जो सिद्धों का गृह रूपकूट है वह सिद्धायतनकूट है निषध वर्षधर पर्वत के अधिपतिका जो कूट है वह निषध कूट है । हरिवर्षक्षेत्र के अधिपति का जो कूट है वह हरिवर्षकूट है। पूर्व विदेह के अधिपति का जो कूट है वह पूर्व विदेहकट है हरिसलिला नदी की देवी का जो कूट है वह हरिकूट है तिगिछिहद की अधिष्ठात्री देवी का जो कूट है वह धृतिकूट है शीतोदा नदी की देवी का जो कट है वह शीतोदाकूट है। अपरविदेहाधिपति का जो कूट है, वह अपर विदेहकूट है। चक्रवालपर्वत विशेषके अधिपति का जो कूट है वह रुचक कूट है। निषध नाम: १५२ त ५२ ८६॥ ट। छ ? ४१Rभ प्रभु ४ छ-'गोयमा ! णव कूडा पण्णत्ता' गौतम ! न ट। ४उपाय छे. 'तं जहा' ते छूटोना नाभी मा प्रभारी छे 'सिद्धाययणकूडे, णिसहकूडे, हरिवासकूडे, पुव्वविदेहकूडे, हरिकूडे, धिईकूडे, सीआ आ कुडे, अवरविदेहक्डे, रूअगकूडे' सिद्धायतन यूट, निष५ ठूट, विष छूट, पूर्व વિદેહ કૂટ, હરિ કૂટ ધતિ કૂટ, સીતેદા કૂટ, અપર વિદેહ ફૂટ અને ચક ફૂટ એમાં જે સિદ્ધોને ગૃહ રૂ૫ ફૂટ છે, તે સિદ્ધાયતન ફૂટ છે. નિષધ વર્ષધર પર્વતના અધિપતિનો જે કૂટ છે તે હરિષ ફૂટ છે. પૂર્વ વિદેહના અધિપતિને જે કૂટ છે તે પૂર્વ વિદેહ ફૂટ છે. હરિ–સલિલા નદીની દેવીને જે ફૂટ છે તે હરિકૂટ છે. તિબિંછ હદની અધિષ્ઠાત્રી દેવીને જે કૂટ છે તે ધતિ કૂટ છે શીદા નદીની દેવીને જે ફૂટ છે તે સીતેદા ફૂટ છે અપર વિદેહાધિપતિને જે ફૂટ છે તે અપરવિદેહ ફૂટ છે. ચકવાલ પર્વત વિશેષના અધિપતિને જે दूट छे ते रुयट छ. 'जो चेव क्षुल्लहिमवंतकूडाणं उच्चत्त विक्खंभपरिक्खेवो पुव्व
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