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प्रतिसेवाधिकार। नुवीची प्रयत्लस सेवी पाठवें दोपका प्रायश्चित्त वारहवीं और अठाईसवीं शलाका है। पारहवीं शलाका पुरुमंडल और क्षमण ऐसे द्विस योगा भंगको और भठाईसवीं शलाका निर्विकृति, पुरुमंडल एकस्थान और तमण ऐसे चतुःसंयोगी भंगकी है। भागाकारणकृत, सत्कारो, सानुवोचो, अयत्लस सेवी नौवें दोपका प्रायश्चित्त तीसरी और चौथी शलाका है। ये दोनों शलाकाए आचाम्ल और एकस्थान ऐसे एक एक संयोगी भंगकी हैं। अनागाहकारणकृत, सकृत्कारी, सानुवीची, अयलसंसेवी दशवें दोपका प्रायश्चिच तेवीसवीं और इकोसवीं त्रिसंयोगो शलाकाए हैं। तेवोसी शलाका पुरु-मंडल
आचाम्ल और क्षमणकी और इकोसों शलाका निर्विकृति एकस्थान और क्षमणको है भागाढकारणकृत, असकृत्कारी, सानुवाची, अमयलस सेवो ग्यारहवें दोपका प्रायश्चित्त आठवीं और ग्यारहवीं द्विसंयोगो शलाकाएं हैं। भाठवीं शलाका निर्विकृति और एकस्थान और ग्यारहवीं शलाका पुरुमडल और एक स्थानका है। अनागाढकारणकृत असकृरकारो, सानवीचो, भयलसेवो बारहवें दापका प्रायश्चित्त अठारहवों और वीसवों १-सोलस वावासादमा, पारस अडचीसिमा, तिय'चउत्थी।
चवीसिमा पणवीससा, अट्ठमि पयारसी चेव ॥ .
यहां थोड़ा आचार्यसंप्रदायका भेद है। वह यह कि दशवें दोपके ऊपर की संवी और तेईसवी शलाका बताई गई है और इस गाथामें चौवीसवीं और पचीसवीं।
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