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'प्रायश्चित्त-समुच्चय । निविकृति आचाम्ल एकस्थान, निर्विकृति आचाम्ल क्षमण, और पुख्य डल एकस्थान क्षमण । ये शलाकाएं क्रमसे सतरहीं, उन्नीसवीं वीसवीं और चोवीसवीं हैं। सरकारी असानुवीची अपनप्रतिसेवी सातवें दोपका प्रायश्चित: त्रिसंयोगवाली दो और चतुःसंयोगवाली दो अर्थात् चौदह शुद्धियों एवं चार शलाकाएं हैं । निर्विकृति-एकस्थान-क्षमण और पुरुमंडल आचाम्ल एकस्थान, तथा निर्विकृति पुरुमडल आचाम्ल एकस्थान और पुरुमंडल प्राचाम्ल एकस्थान क्षमण । ये शलाकाएं क्रमसे इक्कीसवीं, वाईसवों, छब्बीसवीं और तीसवीं हैं। असकृत्कारो, असानुवीची अप्रयत्नप्रतिसेवी आठवें दोषका प्रायश्चित्त चतुःसंयोगवाली शलाकाए' तीन और पांचसंयोगवाली शलाका एक एवं चार शलाकाएं अर्थाद सतरह शुद्धियां हैं, निर्विकृति पुरुमंडल आचाम्ल क्षमण, निर्विकृति पुरुमंडल एकस्थान क्षमण, और निर्विकृति आचाम्ल एकस्थान क्षमण तथा निर्विकृति पुरुमंडल आचाम्ल एकस्थान चपण। ये शलाकाएं क्रमसे सत्ताइसवी, अठाईसवीं, उनती१ सत्तारसमी एगूणवीसमा वीसमा य चवीलमा ! . इगिवीसदिमा तेवीसदिमा य छन्चील तीसदिमा सातवें दोषमें ऊपर वाइसर्वी शलाका बताई गई है और इस गाथामें तेईसवीं। २ सत्तावीसदिमावि य अट्ठावीसाय ऊणतीसदिमा।.. इगतीसदिमा य इमा मिस्ससलाया अटण्हं ॥