Book Title: Prakritpaingalam
Author(s): Bholashankar Vyas, Vasudev S Agarwal, Dalsukh Malvania
Publisher: Prakrit Text Society Ahmedabad
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६०]
पुरु
प्राकृतपैंगलम्
११८. उल्लाला का लक्षण :
तीन चतुष्कल (तुरंगम), तब त्रिकल, तथा फिर क्रम से षट्कल, चतुष्कल तथा अंत में त्रिकल हों। इस प्रकार उल्लाला छंद की रचना करे। दोनों दलों में छप्पन मात्रा होती हैं । (४, ४, ४, ३, ६, ४, ३ = २८ मात्रा + २८ मात्रा = ५६ मात्रा) ।
टि० - उट्टवहु - <* उट्टवयत (उद्वर्तयत); आज्ञा म० पु० ब० व० । छप्पण - षट्पंचाशत् छप्पण्ण छप्पण । (हि० रा० छप्पन) । मंत - मात्रा (> मत्त) । तुक के लिए इसे 'मंत' बना दिया है ।
जहा,
जाआ जा अद्धंग सीस गंगा लोलंती,
सव्वाहा पूरंति सव्व दुक्खा तोलंती । णाआ राआ हार दीस वासा भासंता
आला जा संग णच्च दुट्ठा णासंता ॥ णाचंता कंता उच्छव्वे ताले भूमी कंपले ।
जा दिट्ठे मोक्खा पाविज्जे सो तुम्हाणं सुक्ख दे ॥११९॥ [छप्पअ]
११९. उदाहरण:
जिनके अर्धांग में पत्नी है, सिर पर गंगा लोटती है, जो सब आशाओं को पूरा करते हैं, तथा सब दुखों को तोड़ते हैं, जिनके हार सर्प हैं तथा दिशायें वस्त्र के रूप में सुशोभित होती हैं, जिनके साथ वेताल नाचते हैं, तथा जो दुष्टों का नाश करते हैं, जो उत्सव में सुंदर नाचते हैं, तथा उनकी ताल पर भूमि कांपती है, जिसके देखने पर ही मोक्ष की प्राप्ति होती है, वे शिव तुम्हें सुख दें ।
निर्णयसागर प्रति में इस पद्य का दूसरा ही रूप मिलता है
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जाआधंगे सीसे गङ्गा लोलन्ती सव्वासा पूरंती दुःखा तोटंती णाआआ हारा दीसा वासंता वेआला जासंगे दुव्वाणासंता णाचंता उच्छाहे ताले भूमी कंपाले जा दिट्ठे मोक्खा सो तुम्हाणं सुक्खादो ।
टिप्पणी-लोलंती, पूरंती, तोलंती, भासंता, णासंता, णाचंता; ये सब वर्तमानकालिक कृदंत के रूप हैं, जिनका प्रयोग वर्तमानकालिक क्रिया के रूप में पाया जाता है।
णच्च-वर्तमानकालिक क्रिया में केवल धातु का प्रयोग ।
पाविज्जे-< प्राप्यते पाविज्जइ पाविज्जे; कर्मवाच्य रूप ।
[ १. ११९
तुम्हाणं - - युष्माकं (दे० पिशेल ९४२२) ।
दे - ददातु आज्ञा प्र० पु० ए० व० में धातु रूप (स्टेम) या शून्य तिङ् विभक्ति वाले रूप का प्रयोग । चउआलिस गुरु कव्वके छहबीसउ उल्लाल ।
जं गुरु टुट्टइ लहु वढइ एहत्तरि पत्थार ॥१२०॥ [ दोहा ]
११९. C. सव्व गुरु जहा। सीस-B अंग भासंता - 0. वासंता । णच्च - B. णठ्ठ-0. णाट्ट दुट्ठा - B. दुठ्ठा । णासंता -0. णाचंता । णाचंता - B. णच्चन्ता । कंपले-0. कंपणे । पाविज्जे-B. पाइए C. पाविज्जे, K. पाविज्ज, O. पहआ। दे - A. B. दो । ११९B. १२२ । १२०. चउआलिस - B. चडवालिस । छहवीसउ- A. वीसह B. वीस, C. छह कलअउ । वढइ-C. O. चलइ । १२० - C. १२३ ।
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