Book Title: Prakritpaingalam
Author(s): Bholashankar Vyas, Vasudev S Agarwal, Dalsukh Malvania
Publisher: Prakrit Text Society Ahmedabad
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२.१८७ ]
वर्णवृत्तम्
[ १६१
२००. जहाँ प्रत्येक चरण में आरंभ में दो कर्ण (दो गुरुद्वयात्मक गण अर्थात् चार गुरु) हों, फिर गंध (लघु) तथा हार (गुरु) हों, तब हस्त (सगण ) तथा हार (गुरु) पड़ें; तब अंत में एक शल्य (लघु) तथा कर्ण (दो गुरु) हों, जिसके साथ ध्वजगण ( लघ्वादि त्रिकल 15 ) हो, तथा फिर सुंदर कंकण (गुरु) (पड़े); जहाँ एक अधिक बीस (इक्कीस) वर्ण हों, जिनमें १२ दीर्घ हों (९ लघु) तथा सब कुल बत्तीस अधिक सौ (१३२) मात्रा हों; वह पिंगल के द्वारा कथित सुंदर स्रग्धरा छंद है ।
(स्रग्धराः --ऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽ = १२ गुरु + ९ लघु (२१ वर्ण) = ३३ मात्रा; कुल छंद ३३x४ = १३२ मात्रा) ।
जहा,
ईसारोसप्पसादप्पणदिसु बहुसो सग्गगंगाजलेहिँ,
आमूलं पूरिदाए तुहिणकरकलारुप्पसिप्पीअ रुद्दो । जोहामुत्ताहलिल्लं णदमउलिणिहित्तग्गहत्थेहिँ दोहिं,
अग्घं सिग्घं व देंतो जअइ गिरिसुआपंकेरुहाणं ॥ २०१ ॥ [स्रग्धरा ]
२०१. उदाहरण:
शिवजी के मस्तक पर गंगा को देखकर कुपित पार्वती की ईर्ष्या तथा रोष को शान्त करने के लिए उनके पैरों पर बार बार गिरते हुये तथा अपने झुके मस्तक पर रखे दोनों हाथों के अग्रभाग के द्वारा गंगाजल से पूर्ण चन्द्रकला रूपी सीप से चन्द्रमा रूपी मोती से युक्त अर्घ्य को पार्वती के चरणों के प्रति अर्पित करते भगवान् शंकर की जय है । टि० - इसकी भाषा महाराष्ट्री प्राकृत है 1
नरेन्द्र छंद:
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आइहि जत्थ पाअगण पअलिअ जोहल अंत ठवीजे,
काहल सद्द गंध इअ मुणिगण कंकण अंत करीजे । सद्दइ ऐक्क भेरि चलु णरवइ फुक्कइ संख सुभव्वा,
चामरजुग्ग अंत जहि पअलिअ एहु णरेंदउ कव्वा ॥ २०२॥
२०२. नरेन्द्र छंद:
जहाँ प्रत्येक चरण के आरंभ में पादगण (भाग) पडे, फिर जोहल (रगण) रखा जाय, तब सात काहल, शब्द, गंध (ये सब एक लघुगण के नाम हैं) दिये जाय अर्थात् सात लघु हों, तब कंकण (गुरु), भेरी (लघु) किया जाय, तथा बाद में नरपति (जगण ) चले तथा सुभव्य शंख (लघु) फूँका जाय, जहाँ अंत में चामरयुग (दो चामर, दो गुरु) प्रकटित हों, यह नरेंद्र नामक काव्य (छंद) है ।
( नरेंद्र : - 511, 515
।।। ।।। ।, 5 || 5 ||55 = २१ वर्ण)
जहा,
फुल्लिअ केसु चंप तह पअलिअ मंजरि तेज्जइ चूआ,
दक्खिण वाउ सीअ भइ पवहइ कंप विओइणिहीआ ।
केअइ धूलि सव्व दिस पसरड़ पीअर सव्वइ भासे,
आ वसंत काइ सहि करिअइ कंत ण थक्कड़ पासे ॥२०३॥ [ नरेन्द्र]
२०१. जोण्हा - C. जोहा, N. जोहा । णदमउलिणिहित्ति - N. णदसिर णिहिदं अग्गहत्थेहि । व देंतो- A. वे देतो, B. व देतो, K. व देत्तो, N. दअन्तो । २०१ - C. २०४, N. २६२ । २०२. आइहि जत्थ - C. गण पअलिअ, N. आरहिं जत्थ । इअ - N. O. एम। अंत N. जाहँ । भेरि A. भेरी। चलु - A. B. चल । फुक्कड़ - C. O. फुंकहु, N. पूरहु । णरेंदउ - A. C. णरिंदउ । कव्वा - A. B. छंदा । २०२. C. २०५, N. २६३ । २०३. फुल्लिअ - A. B. फुलिअ। केसु चंप - C. चंपकेसु । चंप-0. चंद । पअलिअ C. विअसिअ । तेज्जइ - N. तेजिअ । सीअ-C. सीअल । सव्व दिस - C. दिसे दिसे। पीअस्-B. पीवर। आउ-C. आइ। काइC. काइँ । सहि B. सखि । करिअ - N. करिहउ । २०३ - C. २०६, N. २६४ ॥
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