Book Title: Dhundhak Hriday Netranjan athwa Satyartha Chandrodayastakam
Author(s): Ratanchand Dagdusa Patni
Publisher: Ratanchand Dagdusa Patni
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द्वितीय भाग अनुक्रमणिका. (३३) १३ ढूंढनीजीके ही मतसें, ढूंढनी पार्वतीजीकी रची हुई-ज्ञान
दीपिका पुस्तकके, निरर्थक रूप चार निक्षेपका स्वरूप- २२ १४ चार निक्षेपकी सत्यतामें, ठाणांग सूत्रका मूलपाठ अ.
थकी साथ१५ निक्षेप विषयका-उदाहरणमें १ शिव पार्वती । २ वेश्या
पार्वती । और ३ ढूंढनी पार्वती । यह तीनों पार्वतीका
(१) शिव भक्त आश्रित,प्रथम (१) नाम निक्षेपका स्वरूप-२३ १६ यह तीनों पार्वतीका (१) शिव भक्ताश्रित, (२) स्था
पना निक्षेपका स्वरूप१७ यह तीनों पार्वतीका (१) शिव भक्ताश्रित, (३)
द्रव्य निक्षेपका स्वरूप१८ यह तीनों पार्वतीका (१) शिव भक्ताश्रित, (४)
भाव निक्षेपका स्वरूप१९ यह तीनों पार्वतीका (२) कामी पुरुषाश्रित, चार चार
निक्षेपका स्वरूप
२० यह तीनों पार्वतीका ( ३ ) ढूंढक भक्ताश्रित, मूर्ति पूज
कका संवाद पूर्वक (१) नाम निक्षेपका स्वरूप- ३१ २१ यह तीनों पार्वतीका (३) ढूंढक भक्ताश्रित, मूर्तिपूजकका
संवाद पूर्वक, (२) स्थापना निक्षेपका, सविस्तर स्वरूप । इसमें ढूंढनीजीका लेखके भी-अनेक उदाहरण
दिये गये है२२ यह तीनों पार्वतीका (३) ढूंढक भक्ताश्रित, ( ३ ) द्रव्य
निक्षेपका,सविस्तर स्वरूप
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