Book Title: Dhundhak Hriday Netranjan athwa Satyartha Chandrodayastakam
Author(s): Ratanchand Dagdusa Patni
Publisher: Ratanchand Dagdusa Patni

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Page 1
________________ ॥ श्री ॥ ॥ ढूंढक हृदय नेत्रांजनं ॥ अथवा ॥ सत्यार्थ चंद्रोदयाऽस्तकं ॥ कर्त्ता || श्री मद्विजयानंद सूरीश्वर (प्रसिद्ध नाम आत्मारामजी ) लघु शिष्येनाऽमर मुनिना संयोजितं ॥ दुहा शल्योद्वार गुरुनेकिया, अंजनता करें हम । तो क्या ढूंढक हृदय में, अब भी रहेगा भ्रम ? ॥ १ ॥ || छपवा के प्रसिद्ध करनार || खानदेश आमलनेरा निवासी ॥ शा. रतनचंद दगडुसा पटनी ॥ प्रथमवार - प्रति. १५०० ] अमदावाद - श्री " सत्यविजय प्रिंटिंग प्रेसमां. शा. सांकलचंद हरीलाले छाप्यु. संवत्. १९६५ ॥ किमत. रू १ - ४ काचा पुठाकी ।। ॥ किमत. रू १-८ पाका पुठाकी || XXXX Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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