Book Title: Dhundhak Hriday Netranjan athwa Satyartha Chandrodayastakam
Author(s): Ratanchand Dagdusa Patni
Publisher: Ratanchand Dagdusa Patni

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Page 2
________________ ॥ इस ग्रंथ छपवानम, प्रथम आश्रय दाता ॥ (खानदेश ) आमलनेरा निवासी,धर्मात्मा सा वधूसा दगडसाकी भार्या पानाबाइ, की तरफसे रूपैया चारसोंका, उत्तम आश्रय मिलनेसें, ते बाईका पोषक सा. रतनचंद, दगडुसाके नामसे छपवा. नेका प्रबंध किया गयाथा । परंतु अनेक कारणके योगसें, दूसरे प्रेसमें पुनः छपानेका प्रबंध करना पड़ा । और आगे ग्रंथका भी विस्तार हो जानेसें, दुपट खरचका बोजा उठाना पड़ा । इसी कारणसें दूसरे भी सद्गृहस्थोंका आश्रय लेनेकी विशेष आवश्यकता हुई। ते सद्गृहस्थोंकी, और गाहकोकी भी, यादि पिछले भागमें हमने दिवाई है । और कितनेक संस्थाके नामकी भी यादि, प्रथमसे छपवाई दीइ है । जिसमें लोकोंको लेनेकी भी सुगमता हो जावें ॥ इत्यलं ॥ ॥ लि. ग्रंथ कर्ता॥ ॥ इस पुस्तकको छपवानेका अधिकार किसीकोभी नहिं हैं । Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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