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इक्कीस
व्याख्यान
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पच्चीसवाँ
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३७२
विषय सनातन नियम
३६५ प्रबल पुण्योदय पर सेठ की बात
३६५ पुण्य की समाप्ति पर
३६८ पाप के उदय का समय
३६८ हित शिक्षा
३७० कर्म की शुभाशुभता
३७१ आत्मा पर कर्म का प्रभाव पड़ता है ३७१ कर्म-प्रकृति में शुभाशुभ का व्यवहार शुभ कितनी ? अशुभ कितनी ?
३७२ चार घातिया कमों की ४५ अशुभ प्रकृतियाँ ३७३ कुवेर सेठ की बात
३७४ आवातिया कर्मों की ४२ शुभ और ३७ अशुभ
प्रकृतिया ३७८ सोने की पाट का उत्पात्
३७८ कर्मबन्ध और उसके कारणों पर विचार (१) ३८५ नमक के चटकारे के कारण प्राण गॅवाने वाला
श्रीमंत-पुत्र ३८८ कर्म-बध के कारण अनादिकालीन हैं
३९० कारणों का क्रम सहेतुक है
३९० पहला-कारण मिथ्यात्व अगारमर्दकसूरि का प्रबंध मिथ्यात्व और सम्यक्त्व
३९४ सम्यक् दृष्टि और मिथ्या दृष्टि की करनी मे अन्तर ३९४ दो प्रकार का सम्यक्त्व बंधन और मोक्ष का कारण मन है ३९६
छब्बीसवाँ
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