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पृष्ठ विषय ७१ उदारता का उदधि । ९४ पूर्व भारत, उत्तर प्रदेश में ७२ न्यायाधीश सेवक बन गये।
प्रयाण । ७३ धैर्य की चरम सीमा । ९४ हिदु विश्व-विद्यालय में । ७४ न्यायालय का नेक निर्णय । ९६ बंगाल विहार । ७५ आनन्द!आनन्द !! आनन्द !!! । ९७ समाचारों का सार । १० अध्याय
९८ कलकत्ते में प्रवेश । ७६ आगम-वाचनाएँ ।
९. जैन हिन्दी साहित्य । ७६ अकाल ।
९९ मुर्शिदाबाद का सौभाग्य । ७७ पुनः पनपा ।
१०० एक भव्य दीक्षा-महोत्सव ! ७८ पुनः स्थापना ।
१०१ संघ का आनंद । ११ अध्याय आचार्य पदवी ।। १०२ वर्षी दान-यात्रा । ८१ सूरतमें सूरिपद ।
१०२ विहार । ८२ रथ-यात्रा।
१३ अध्याय ८४ पदवी-प्रदान ।
१०४ दिगंबरों का उपद्रव । ८७ आशीर्वचन ।
१०५ गुजरात की भूमि पर । ८८ आशीर्वचन का उत्तर
१०५ विचित्र हवा । ८९ अनाथों के नाथ।
१०६ संस्थात्रयम् । ९. पुस्तके और पुस्तकालय । १०७ नाटक न टिका । ९२ मध्य भारत के शैलाना १४ अध्याय । नरेशको प्रतिबोध-मालवा की १०९-रक्षक से भक्षक । ओर ।
। १०९ राजा के अराजक विचार !