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आगमधर सूि
लोग तथा श्रीमान् सयाजीराव यह मत उम्र तक सच्ची समझदारी नहीं आती ।
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रखते थे कि अट्ठारह वर्ष की अदि ऐसा ही है तो
एक बालक
(१) चौदह वर्ष का एस. एस. सी. में पहला नंबर लाता है और दूसरा पचीस वर्ष का युवक आठवीं बार परीक्षा देकर भी अनुत्तीर्ण होता है। इन दोनों में से किसकी बुद्धि अधिक मानी जाय ?
(२) चौदह वर्ष की उम्र में खून या चोरीका संगीन अपराध किया हो तो उसे पूरी सजा मिलती है, और सरकार यह मानती है कि अपराध वुद्धिपूर्वक किया गया है । दीक्षा के विषय में नासमझ मानना यह कहाँ का न्याय है ?
(३) स्वराज्य - प्राप्ति के राजनैतिक आन्दोलन में अट्ठारह वर्ष के भीतर तक की उम्रवालों का भी फाँसी कारावास की सजा दी गई है । वहाँ 'बालक ने समझ के प्रति अपराध किया है' ऐसा माना जाता है तब में उसे नासमझ ठहराया जाता है सेा किस नीति के आधार पर ?
सात वर्ष से
अथवा भयंकर
बूझ कर राज्य
दीक्षा के विषय
(४) सात साल की उम्रवाला रेलगाड़ी में खतरे की जंजीर खींचे तो गुनाह समझ कर उसे दंड दिया जाता है ।
(५) ग्यारह वर्ष से अधिक उम्र का लड़का आधी टिकट पर सफर करे तो उसे दंड़ होता है नादान समझ कर माफ नहीं किया जाता !
(६) छोटी उम्र वाले सभी नासमझ होते हैं और बड़ी उम्रवाले सभी समझदार, ऐसा कोई नियम प्रकृति ने नहीं बना रखा है ।