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आगमधरसूरि
१८१ असे आगमोद्धारकश्री देवगिणी क्षमाश्रमण के पश्चात् कोई नहीं हुए और भविष्य में कब होंगे सेा ज्ञानी ही जानते हैं।'
पूज्य आगमोद्धारकजी गये परन्तु अपने पीछे चिरस्थायी अध्या. स्ममयी सुवास छोड़ गये है।
उस बहुश्रुत महात्मा के चरणारविदां में वन्दन हो।