Book Title: Agamdharsuri
Author(s): Kshamasagar
Publisher: Jain Pustak Prakashak Samstha

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Page 302
________________ २६ व्याख्यांतर (अन्य व्याख्याएँ) । ४१ नय २७ खंडन पक्ष ४२ स्थापना (संस्थानादि की) २८ पाठांतर ४३ विधि २९ प्रस्तावना (अतिदेश) ४४ एकार्थिक शब्द ३० सूत्रादि का अकारादिक्रम ४५ अल्पबहुत्व ३१ शंका तथा समाधान (प्रश्नोत्तर) | ४६. अनुमान ३२ कठिन (शब्दें।के) अर्थ ४७ संकलना ३३ सुभाषित वाक्य (गद्यात्मक) | ४८ प्रत्येकबुद्धोंकेनाम ३४ निक्षेप संग्रह ४९ विसवाद ३५ वायु तथा वृष्टि ५० संग्रह लोक ३६ समानार्थी शब्देकि अर्थ ५१ स्थलनिर्देश ३७ विभिन्नगच्छ तथा पट्टावली ५१ सामुद्रिक ३८ दृष्टांत ५३ निसीह के भास की गाथाओं के ३९ संप्रदाय भाद्यपद तथा उनके अधिकारों ४. वैद्यक का (विषयोंका) अनुक्रम इनके अतिरिक्त व्याख्याताने भागमकोश रचा है । भागमेमें प्रयुक्त शब्द तथा टीकाकारों द्वारा किये शब्दार्थ इसमें दिये गये हैं। इस ग्रंथ 'पल्पपरिचित सिद्धांतिक वनकाश' को बार भागमें मुद्रित किया गया है।

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