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आगमधरसूरि
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इस तरह अनेक उदाहरण और तर्क दे कर पूज्य श्री ने सब का समझाया | सभी सुविहित आचार्यों ने इस बात को स्वीकार किया, और इस प्रकरण का बहुमान्य अन्त आया । जिन लोगों ने इस बात का स्वीकार नहीं किया वे संघ से दूर जा गिरे।
ये महापुरुष आगमोद्धारक कहलाते हैं, परन्तु इन्हें शासनाद्धारक मानें तो जरा भी अतिशयोक्ति नहीं होगी । इस महात्माने शासनसुरक्षा एवं शासन-प्रभावना के अनेक कार्य किये हैं ।
आज बहुत से गाँवों में सरचार्ज का अजगर प्रविष्ट हो गया है, कई स्थानों में प्रविष्ट होने का मौका ताक रहा है। परन्तु आगे चल कर यह अजगर कहीं देवद्रव्य को भी निगल न जाय, इस बात की सावधानी बरतनी होगी । कालान्तर में सरचार्ज ९० प्रतिशत और देवद्रव्य १० प्रतिशत होगा । उसके बाद तो सर चार्जरूपी अजगर देवद्रव्य पर पूर्ण अधिकार जमा लेगा, अतः सावधान रहना परभावश्यक है ।
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