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आगमधररि.
मोक्ष दिला सके ऐसी नहीं है, अतः मोक्ष प्राप्ति के लिए पूर्णतः आत्मानुलक्षी बन कर धर्म-आराधना कीजिये। जल्दी से जल्दी आत्मा की मुक्ति हो, और हम सब शीघ्र ही मोक्ष-सुख प्राप्त करें यही शुभकामना।
अन्त में पुनः एक बार बता दूँ कि आप मेरे प्रति अपने राग को धर्म की ओर मोड़ियेगा। इस तरह से आपकी आत्मा का उद्धार जल्दी होगा। धर्म के प्रति ऐसा राग होगा तब शासन विजयी होगा।
इतना कह कर परोपकार-प्रवण मुनीश्वरने विहार आरंभ किया।