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पर ऐसे व्यक्ति विश्वास अधिक करते हैं और इनके मस्तिष्क की उपज का लाभ दूसरे साझीदार उठाकर धनी हो जाते हैं। ऐसे व्यक्ति के 2,4,6, जैसे भी स्तर का हाथ हो, कम पाये जाते हैं। शेष लक्षण हाथ के अन्य लक्षणों को देखकर बताने चाहिएं। गोलाकार जीवन रेखा होने पर उंगलियां पतली हो तो ऐसे व्यक्तियों को पैतृक सम्पत्ति का लाभ अधिक होता है, परन्तु मोटी हों तो बंटवारे में हानि रहती है।
= विरूद्ध कौणिक हाथ
इस हाथ में उंगलियां बुध की उंगली की ओर झुकी होती हैं और बुध प्रधान होता है। साधारणतया ये हाथ कठोर होते हैं।
ऐसे व्यक्तियों में बुद्धिमानी, विवेकशीलता और स्पष्टवादिता कूट-कूटकर भरी होती है। फलस्वरूप इन्हें किसी भी कार्य का श्रेय या यश नहीं मिलता। मित्रों, परिवारजनों तथा अन्य लोगों से इनका सदैव विरोध रहता है। यहां तक कि पत्नी तथा ससुराल वालों से भी ऐसे व्यक्तियों का विरोध रहता है। ऐसे व्यक्ति परिवार की सभ्यता को छोड़कर उससे अलग-थलग चलते हैं और उसी प्रकार अपना जीवन व्यतीत करते हैं। ऐसे व्यक्तियों को संघर्ष अधिक करना पड़ता है, क्योंकि इन्हें सहयोग के नाम पर कुछ भी नहीं मिलता। पैतृक सम्पत्ति भी ऐसे व्यक्तियों को नहीं मिलती। ऐसे व्यक्ति 30, 41 व 43 वर्ष के पश्चात् धनी होते हैं। इतना अवश्य कहा जा सकता है कि ये धनी हो जाते हैं और सफल होने के पश्चात् परिवार वालों की भी सहायता करते हैं। पहले जितना कष्ट उठाते हैं, बाद में उतना ही आनन्द भी लेते हैं।
मस्तिष्क रेखा मोटी होने पर ऐसे व्यक्तियों को नितम्ब की हड्डी का आप्रेशन कराना पड़ता है तथा इनके परिवार में सभी भाई-बहनों का स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता। ऐसे व्यक्ति अपनी पत्नी के चरित्र पर सन्देह करते हैं।
विरूद्ध कौणिक हाथ होने पर इन्हें चोरी से हानि होती है। इनके एक से अधिक व्यापार पाए जाते हैं। कुछ व्यापार साझे में और कुछ स्वतन्त्र होते हैं। मां को प्रजनन समय में कष्ट होता है और उसी कारण उसकी मृत्यु होती है। सौतेली मां होने पर उसका भी स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता। पिता मेहनती व स्वभाव से कठोर होता है। उसका स्वास्थ्य ठीक नहीं होता। ऐसे हाथों में एक बात विशेष होती है कि ऐसे व्यक्तियों के पूरे वंश में ही तीन पीढ़ियों में स्त्रियों का स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता। ऐसे व्यक्तियों को परिस्थिति वश चाहे आरम्भ में नौकरी करनी पड़े, परन्तु रूचि व्यापार में होती है। अवसर मिलने पर यह नौकरी छोड़ कर व्यापार में आ जाते हैं और ठेकेदारी या कारखानदारी जैसा कार्य करते हैं। इस प्रकार के हाथ अक्सर कठोर ही होते हैं। परन्तु
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