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यदि सद्गति का मार्ग अपना लिया है तो मृत्यु से कोई भय नहीं है। [ गर्भवती स्त्री के पुत्र होगा या पुत्री ? तो कह देना चाहिए कि नपुंसक होगा-२६४
४. यदि अपना सूर्य स्वर चलता हो तथा उधर से ही आकर कोई गर्भ विषयक प्रश्न पूछे परन्तु पूछने वाले का चन्द्र स्वर चलता हो तो पुत्र का जन्म होगा परन्तु जीवेगा नहीं-२६५
५. यदि दोनों (अपना और पूछने वाले) के सूर्य स्वर चलते हों तो कह देना चाहिये कि पुत्र होगा उसकी दीर्घ आयु होगी एवं सुख देने वाला होगा-२६६
६. यदि अपना चन्द्र स्वर चलता हो और पूछने वाले का सूर्य स्वर चलता हो तो कह देना चाहिए कि पुत्री का जन्म होगा परन्तु जीवेगी नहीं-२६७
७. यदि दोनों (अपने और पूछने वाले) के चन्द्र स्वर चलते हों तो कह देना चाहिए कि कन्या का जन्म होगा और उसकी दीर्घ आयु होगी-२६८
८. यदि सूर्य स्वर में पृथ्वी तत्त्व चलता हो और उस समय कोई गर्म संबंधी प्रश्न पूछे तो कह देना चाहिए कि पुत्र जन्म होगा वह रूपवान राजमान्य तथा सुखी होगा-२६६ ___६. यदि सूर्य स्वर में जल तत्त्व चलता हो और उस समय गर्भ सम्बन्धी प्रश्न पूछे तो कह देना चाहिए कि पुत्र का जन्म होगा वह सुखी, धनवान और छः रसों का भोगी होगा-३०० ।
१०. यदि सूर्य स्वर में पृथ्वी तत्त्व अथवा जल तत्त्व चलता हो तो पुत्र जन्म, और यदि ये दोनों तत्त्व चन्द्र स्वर में चलते हों तो कन्या का जन्म होगा, और वह सुखी, धनवती, रूपवती तथा छः रसों को भोगने वाली होगी–३०१
११. यदि गर्भ सम्बन्धी प्रश्न करते समय स्वरों में अग्नि तत्त्व चलता हो तो कह देना चाहिए कि गर्भ गिर जायेगा अथवा यदि सन्तान हो भी जायेगी तो तुम्हारे पापोदय के कारण यह सन्तान जीवेगी नहीं-३०२ ।।
१२. यदि गर्भावस्था सम्बन्धी प्रश्न करने पर स्वरों में वायु तत्त्व चलता हो तो कह देना चाहिए कि पिण्डाकृति बनी है. वह गिर जायेगी अथवा गर्भ । ही गल जायेगी-३०३
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