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अनन्त कामनाओं की पूर्तिकी आशा, छलनीको जलसे भरनेके तुल्य है ।
चले निरन्तर सुखमना, पांच घड़ी सुर भाल ।
पांच घड़ी सुखमन चलत, मरण होय ततकाल ।। ३५६
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१४- धूल कीचड़ द्वारा श्रायुष्य ज्ञान
धूल अथवा कीचड़ में पूरा पग पड़ा हो तो भी वह अधूरा दिखलाई दे तो सात महीने जीवे ।
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१५ - शरीर विकृति द्वारा काल ज्ञान
यदि आंख की कीकी काली अंजन जैसी दिखलाई दे, रोग बिना अकस्मात् होंठ और तालु सूख जावें, मुंह खोलने पर ऊपर और नीचे के दांतों के बीच अन्तर में अपनी तीन अंगुलियां न समावें, गिद्ध, कौआ, कबूतर, और दूसरा कोई मांस भक्षण करने वाला पक्षी सिर पर बैठे तो छः महीने के बाद मृत्यु हो । १६ – छः मास में मृत्यु
(१) बादल बिना के दिन में मुख में पानी भरकर आकाश के सामने फुतकार करके पानी को बाहर ऊंचे उछालें । इस प्रकार कई दिनों तक करें और उस उछलते हुए पानी में कई दिनों तक देखने से इन्द्रधनुष जैसा आकार दिखलाई न दे तो छः मास में मृत्यु होगी ।
(२) दूसरे मनुष्य की आंख की कीकी में यदि अपना शरीर दिखलाई न दे तो भी छः मास में मृत्यु हो ।
(३) दोनों घुटनों (जानू - गोड़ों) पर दोनों कोहनियों को स्थापन करें और हाथ के दोनों पंजे मस्तक पर स्थापन करें । उन दोनों हाथों के अन्तर में केले
के डोडे के आकार जैसी छाया में यदि डोडे का एक पत्र विकसित ( खिला हुआ ) दिखलाई दे तो जिस दिन ऐसा स्वयं देखे उसी दिन से छः मास के अन्त में उसी तिथि में मृत्यु हो ।
( ४ ) बादल बिना के स्वच्छ दिनों में इन्द्रनील रत्न के समान कांति वाले, बांके-टेढ़े हज़ारों मोतियों के अलंकार वाले, सूक्ष्म आकृति वाले सर्प आकाश सन्मुख आते हुए दिखलाई देते हैं । जब ऐसे सांप बिल्कुल न दिखलाई दें तब छः महीनों के अन्त में मृत्यु हो ।
(५) जो मनुष्य स्वप्न में अपना सिर मुंडा हुआ, तैल से मालिश किया हुआ, लाल पदार्थ से शरीर लिप्त, गले में लाल माला पहने हुए और लाल कपड़े पहन कर गधे पर बैठ कर अपने आपको दक्षिण दिशा पर जाते हुए देखे तो छः महीने आयु शेष समझें ।
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