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मनोविकारों से युद्ध करो बाहर के मुख से क्या मिलना है।
अर्थ-(४) यदि सोलह दिनों तक निरन्तर सूर्य स्वर ही चलता रहे त उस मनुष्य की एक महीने में मृत्यु जाननी चाहिए-३५४ दशमी, ऊपर के पर्व में पूर्णमासी की कल्पणा करें। अनामिका अंगूली में क्रमशः दूज, सप्तमी, द्वादशी; मध्यमा में तीज, अष्टमी, त्रयोदशी; तथा तर्जनी में क्रमशः चौथ, नवमी, चौदस की तिथियों की कल्पणा करें।
(२) कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा (एकम) के दिन बायें (डावे) हाथ को कृष्ण पक्ष की कल्पना करें तथा (शुक्ल पक्ष के हाथ के अनुसार) तिथियों की कल्पना करे फिर जहां पर मनुष्यों का प्रावागमन न हो उस स्थान पर जाकर पद्मासम में बैठकर मन की प्रसन्नतापूर्वक उज्जवल ध्यान कर दोनों हाथों को कमल के डोडे के समान प्राकार बनाकर हाथों के अन्दर काले वर्ण के एक बिन्दु की कल्पना करें।
। (३) तत्पश्चात हाथों को खोलते हए अंगलियों के अन्दर कल्पित शक्ल कृष्ण पक्षों की तिथियों में जहां काला बिन्दु पड़ा हुआ दिखलाई दे उसी शुक्ल अथवा कृष्ण पक्ष की तिथि के दिन मृत्यु होगी।
७- प्रायुष्य निर्णय का दूसरा उपाय जिस मनुष्य के छींक, विष्टा, वीर्यस्राव तथा मूत्र ये चारों एक साथ हो जावें तो एक वर्ष के बाद उसी महीने और उसी पक्ष और उसी तिथि में मृत्यु हो।
नोट ५-तिथियों की तथा शुक्ल-कृष्ण पक्षों की कल्पना के लिए देखें ऊपर दिये हुए दोनों हाथों के चित्र ।
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