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६ दिन
समय लिखते हैंदिन गड़गड़ाहट सुनाई न दे वर्ष मास दिन |
५ दिन
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-७ दिन
८ दिन ६ दिन
१० दिन
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१२ दिन
१३ दिन
१४ दिन
१५ दिन
१६ दिन
१७ दिन
'सोलह दिन जो भान घर, चले रात दिन श्वास । चिदानन्द निश्चय करी, जीवे ते इक मास ।। ३५४ ॥
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सद्गृहस्य धर्मानुकूल ही आजीविका करते है ।
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गड़गड़ाहट सुनाई न दे वर्ष मास दिन
१८ दिन
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२० दिन
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२२ दिन
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२४ दिन
२५ दिन
२६ दिन
२७ दिन
२८ दिन
२६ दिन
३० दिन
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५ - मस्तक द्वारा श्रायुष्य ज्ञान
ब्रह्मद्वार में फैलने वाली धुएं की श्रेणी यदि पांच दिन तक न दिखलाई दे तो तीन वर्षों में मृत्यु होगी ।
यह धुएं की श्रेणी ब्रह्मद्वार में कैसे जाती हैं यह गुरुगम से जान लेनी चाहिये ।
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६ - दोनों हाथों द्वारा मृत्यु ज्ञान
(१) काल चक्र जानने के लिए शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा के दिन पवित्र होकर अपने दाहिने ( जीमने ) हाथ को शुक्ल पक्ष की कल्पना करें । कनिष्टा अंगुली के नीचे के पर्व (पोरे) में एकम, बीच के पोरे में छठ तथा उपर के पोरे में एकादशी की कल्पणा करें। अंगूठे के निचले पर्व में पंचमी, बीच के पर्व में
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