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पापानुष्ठान अन्तत: दुखदायक ही होते हैं।
[११५ में बिल्कुल न बदले तो उसकी एक वर्ष में मृत्यु जाननी चाहिए-३५३ २
गुरु द्वारा बतलाई हुई विधि से अपनी अंगुली से आंख के अमुक भाग कोदबाने से प्रत्येक कमल' की चार पंखड़िया कांति के समान जगमगाहट करती हुई दिखलाई देंगी; उनको देखना । . (१) चन्द्र सम्बन्धी कमल' में उन चार पांखड़ियों में से जो नीचे की पांखड़ी न दिखाई दे तो छः मास में मृत्यु हो। भ्रकुटी के पास की पांखड़ी दिखलाई न दे तो तीन मास में मृत्यु हो। अांख के कोने की तरफ की पांखड़ी न दिखलाई दे तो दो मास में मृत्यु हो । नासिका की तरफ की पांखड़ी न दिखलाई दे तो एक मास में मृत्यु हो।
(२) दाहिनी आंख को अंगुली से दबाने से सूर्य सम्बन्धी बारह पांखड़ियों वाला कमल दिखलाई देगा। इन बारह में से चार पांखडियां खद्योत (जुगनू) के समान देदीप्यमान दिखलाई देंगी। इनमें से यदि नीचे की पांखड़ी दिखलाई न दे तो दस दिनों में मृत्यु हो। ऊपर की भ्रकुटी की तरफ की पांखड़ी दिखलाई न दे तो पांच दिन में मृत्यु हो। कान तरफ की-आंख के कोने की तरफ की पांखड़ी दिखलाई न दे तो तीन दिन में मृत्यु हो। यदि नाक की तरफ की पांखड़ी दिखलाई न दे तो दो दिन में मृत्यु हो।
(३) अंगुली से आंखों को दबाये बिना जो दोनों आंखों के कमलों की पांखड़ियां दिखलाई देखें तो सौ दिन में मृत्यु हो।
४-कान द्वारा प्रायु ज्ञान (१) हृदय में आठ पांखड़ी वाले कमल' का ध्यान करके फिर एक-एक हाथ की तर्जनी (अंगूठे के पास वाली) अंगुली एक-एक कान में (अर्थात् एक हाथ की तर्जनी एक कान में तथा दूसरे हाथ की तर्जनी दूसरे कान में) दोनों कानों के छेदों में डालकर ज़ोर से दबावें । तब ज़ोर से जलती हुई अग्नि के समान गड़गड़ाहट जैसा शब्द सुनाई देगा।
यदि ऐसा शब्द पांच दिन तक सुनाई न दे तो ५ वर्ष आयु बाकी समझें। इस प्रकार हम यहां जितने दिन गड़गड़ाहट शब्द सुनाई न दे उसकी आयु का
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