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बुद्धिमान् पर-निन्दा तथा ओत्म-प्रशंसा नहीं करता।
अवसर निकट मरण तणो, जब जाने बुध लोय । ..
तब विशेष साधन करे, सावधान अति होय ॥ ३७१ ॥ अर्थ-जब बुद्धिमान' नर अपना मृत्यु समय निकट समझे तब विशेष रूप से सावधान होकर आत्म कल्याण के मार्ग में लग जावे-३७१ . (१५) बिना धूली के ही धूल वर्षा का अनुभव हो अथवा अपनी छाया
पंडित या बिकृत दिखलाई पड़े तो आयु चार पांच महीने की होती है। . ___दाहिने हाथ की मुट्ठी बन्द करके नासाग्र भाग पर अर्थात् नाक के बराबर सीध में माथे पर रख कर नीचे की तरफ उस हाथ की कोहनी तक देखने से भुजा का अग्रभाग बहुत ही पतला, सूखा दिखाई देगा। इस प्रकार नित्य प्रति देखने से जिस दिन अपने हाथ की कलाई दिखलाई न दे और मुट्ठी कलाई से एक दम अलग दिखलाई दे तो उस दिन से लेकर छ: मास के अन्दर मृत्यु होगी ही, यह निश्चित है अथवा उस दिन से व्यक्ति की आयु अधिक से अधिक छः मास की समझे।
दोनों नेत्र बन्द करके दोनों हाथों की तर्जनी (अंगूठे के पास की) अंगुलियों से दोनों आंखों के कानों के तरफ के किनारे दबाने से आंखों के अन्दर चमकते हुए सितारे दिखलाई देंगे जिस दिन तारे दिखलाई देना बन्द हो जावें उस दिन से लेकर केवल १० दिन की आयुष्य समझें। - स्वप्न में बन्दर अथवा भालू (रीछ) पर बैठ कर गाता हुआ दक्षिण की ओर जायें तो अल्पायु समझे ।
स्वप्न में अपने आपको सिर से पैर तक कीचड़ में डूबे हुए दिखाई पड़ना, अल्पायु समझे स्वप्न में आग या जल में प्रवेश कर उसमें से फिर न निकलना अल्पायु समझें । स्वभाव अथवा प्रकृति का एकदम उल्टा हो जाना, अल्पायु समझे। यह स्वप्न' अपने लिए देखे तो अपने को, यदि दूसरे के लिये देखे तो दूसरे को फल होता है।
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