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हर प्राणी अकेला ही जन्मता है और अकेला ही मरता है।
अर्थ-लघुनीति (पेशाब)बड़ीनीति (पाखाना) तथा वायु का सरना ये तीनों बातें समकाल में हों तो जान लेना चाहिए कि दस दिन की आयु बाकी रह गई
(७) यदि इस यन्त्र का सातवां अक्षर 'ते' दिखलाई न दे तो जेठ सुदि १४ अथवा शनिवार को मृत्यु होगी।
(८) यदि इस यन्त्र का आठवां अक्षर 'वा' दिखलाई न दे तो आषाढ़ सुदि बुधवार को मृत्यु होगी।
(९) यदि इस यन्त्र का नवां अक्षर 'सु' दिखलाई न दे तो श्रावण सुदि मंगलवार को मृत्यु होगी। . (१०) यदि इस यन्त्र का दसवां अक्षर 'पू' दिखलाई न दे तो भादों सुदि रविवार को मृत्यु होगी।
(११) यदि इस यन्त्र का ग्यारहवां अक्षर 'ज्या' दिखलाई न दे तो आश्विन सुदि रविवार को मृत्यु होगी। . . (१२) यदि इस यन्त्र का बारहवां अक्षर 'य' दिखलाई न दे तो कातिक सुदि
को अतिसार रोग से मृत्यु होगी। ____(ण) घृत-तैल-दर्पण इन तीनों में से किसी एक में अपने शरीर को देखें-सिर न दिखलाई दे तो एक मास में मृत्यु हो । (इसी रहस्य से भारतवर्ष के विद्वानों ने विवाह के समय वर और कन्या का घी में से चेहरा दिखलाने की प्रथा चलाई हैं।) शरीर दुबला दिखलाई दे अथवा शक्तिहीन दिखलाई दे, अथवा सांस लेने से पैरों के तलवे जलें तो एक मास में मृत्यु हो । यदि लघुनीति (पैशाब). करने पर सीधी धार न पड़े तो सातवें दिन मृत्यु हो । यदि सारा शरीर कांपेध्रजे-शरीर का रंग पलटे तो एक वर्ष जीवे । यदि आंख की बिरौनी, नासिका, जीभ न दिखलाई दे तो तत्काल मरे । (अनुसंधान के लिये देखें पद्य नं० ३६५) । जीभ काली हो मुख लाल हो तो तत्काल मरे । सूर्य चन्द्रमा के समान दीख पड़े तो १५ दिनों में मृत्यु हो।
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